इस पोस्ट में, मैंने बेशुमार धन, दौलत पाने के और अपने धंधे को सफल और समृद्ध बनाकर एक आमिर और प्रभावशाली व्यक्ति बनने के शक्तिशाली कनकावती यक्षिणी मंत्र साधना के बारे में लिखा है। धन का प्रचंड आकर्षण करने के अलावा यह मंत्र साधना धन संबंधित सर्व बाधाओं को हटा देती है।
कनकावती यक्षिणी का उल्लेख ३६ यक्षिणियों में मिलता है और उनको प्रसन्न करने की एक से अधिक मंत्र साधना है, जिनका प्रायोग करने से वशीकरण, स्त्री-पुरुष सुख, मनोकामना पूर्ति, शत्रु और गुप्त शत्रु का नाश जैसे हेतुओं की पूर्ति की जा सकती है।
कनकावती यक्षिणी साधना करने की विधि इस प्रकार से है: १] साधना किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन पर शुरू करनी है और यह साधना कुल तीन दिनों की है।
२] साधक को सवेरे जल्द स्नान करके पीले रंग के वस्त्र धारण करने है और लक्ष्मी माता के चित्र या मूर्ति पर केसर का तिलक लगाना है और उनकी सच्चे मन और पवित्र भाव से पूजा करनी है और उसके सामने अगरबत्ती / धूप और दिया प्रज्वलित करना है।
३] इसके बाद, साधक को स्फटिक की जाप माला का उपयोग करके आगे बताए गए कनकावती यक्षिणी के मंत्र का २१ माला यानी २२६८ बार जाप करना है।
ओम् दारिद्रय विनाशिनी अष्टलक्ष्मी कनकावती सिद्धिः देहि देहि नमः ||
Aum Daaridra Vinaashini Ashtalakshmi Kanakaavati Siddhiah Dehi Dehi Namah ||
४] इस विधि को साधक को कुल ३ दिनों के लिए इसी प्रकार से करना है। अगर साधक कनकावती यक्षिणी को प्रसन्न करने में सफल हो जाता है तो उसे बेशुमार धन, दौलत और संपत्ति की प्राप्ति होती है और उसका बिजनेस समृद्ध बन जाता है।
कनकावती यक्षिणी का उल्लेख ३६ यक्षिणियों में मिलता है और उनको प्रसन्न करने की एक से अधिक मंत्र साधना है, जिनका प्रायोग करने से वशीकरण, स्त्री-पुरुष सुख, मनोकामना पूर्ति, शत्रु और गुप्त शत्रु का नाश जैसे हेतुओं की पूर्ति की जा सकती है।
कनकावती यक्षिणी साधना करने की विधि इस प्रकार से है: १] साधना किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन पर शुरू करनी है और यह साधना कुल तीन दिनों की है।
२] साधक को सवेरे जल्द स्नान करके पीले रंग के वस्त्र धारण करने है और लक्ष्मी माता के चित्र या मूर्ति पर केसर का तिलक लगाना है और उनकी सच्चे मन और पवित्र भाव से पूजा करनी है और उसके सामने अगरबत्ती / धूप और दिया प्रज्वलित करना है।
३] इसके बाद, साधक को स्फटिक की जाप माला का उपयोग करके आगे बताए गए कनकावती यक्षिणी के मंत्र का २१ माला यानी २२६८ बार जाप करना है।
ओम् दारिद्रय विनाशिनी अष्टलक्ष्मी कनकावती सिद्धिः देहि देहि नमः ||
Aum Daaridra Vinaashini Ashtalakshmi Kanakaavati Siddhiah Dehi Dehi Namah ||
४] इस विधि को साधक को कुल ३ दिनों के लिए इसी प्रकार से करना है। अगर साधक कनकावती यक्षिणी को प्रसन्न करने में सफल हो जाता है तो उसे बेशुमार धन, दौलत और संपत्ति की प्राप्ति होती है और उसका बिजनेस समृद्ध बन जाता है।
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