इस पोस्ट में, मैंने अपने शत्रु के शस्त्र / हथियार को स्तंभित करने के बहुत शक्तिशाली शस्त्र स्तंभन मंत्र प्रयोग के बारे में लिखा है। यह एक अत्यंत अघोरी मंत्र उपाय है जिसे श्मशान भूमि में सिद्ध किया जाता है और इस प्रायोग से साधक भैरव भगवान की कृपा से मंत्र को सिद्ध करने का प्रयास करता है।
यह शस्त्र स्तंभन मंत्र प्रयोग अघोरी होने के कारण, यह अघोर पंथ के साधक, साधुओं और तांत्रिकों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
इस शत्रु-शस्त्र स्तंभन मंत्र को सिद्ध करने का तरीका: इस शस्त्र स्तंभन मंत्र को सिद्ध करने का प्रयोग सर्वार्थ सिद्धि योग के दिन पर रात के समय श्मशान भूमि में करना है। पंचांग देखकर सर्वार्थ सिद्धि योग किस दिन पर है यह जाना जा सकता है, सर्वार्थ सिद्धि योग यानी कुछ विशिष्ट वार/दिन और नक्षत्रों की युति जो अत्यंत शक्तिशाली होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग पर साधक को रात को श्मशान भूमि में एकांत में अपने शरीर के सर्व कपड़े निकाल कर शांत चित्त से बैठना है और आगे बताए हुए शत्रु-शस्त्र स्तंभन मंत्र का रुद्राक्ष जाप माला के साथ लगातार २१, ००० बार जाप करना है। मंत्र जाप करते समय उसे किसी ने टोकना या विचलित नहीं करना है।
|| ॐ नमो भैरवाय नमः। मम शत्रु-शस्त्र स्तम्भने कुरू कुरु स्वाहा ||
|| Om Namo Bhairavaya Namah | Mam Shatru-Shastra Stambhane Kuru Kuru Swaha ||
मंत्र जाप समाप्त होने पर साधक को श्मशान भूमि में भैरव जी का पूजन करना है और उन्हे मांस-दारू का भोग अर्पित करना है और शस्त्र स्तंभन मंत्र प्रयोग में सफलता पाने की प्रार्थना करनी है।
इस मंत्र का प्रयोग कैसा करें: शस्त्र स्तंभन मंत्र पर सिद्धि पाने के बाद जब कभी आवश्यकता पड़ेगी यानी जब दुश्मन शस्त्र लेकर हमला करने के लिए आया हो, तब उसने अपने दाहिने हाथ में खरमंजरी जिसे अपामार्ग या लटजीरा या चिरचिटा,भी कहते है, उस पौधे के थोड़े से बीज लेने है और मंत्र को २१ बार बोलकर उन बीज को स्तंभन मंत्र के शक्ति से अभिमंत्रित करना है।
और, उन स्तंभन मंत्र अभिमंत्रित बीज को शत्रु के सामने फेंक देना है। इस विधि के शत्रु का हाथ स्तंभित हो जाता है और वह वार नहीं कर पाता है।
यह शस्त्र स्तंभन मंत्र प्रयोग अघोरी होने के कारण, यह अघोर पंथ के साधक, साधुओं और तांत्रिकों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
इस शत्रु-शस्त्र स्तंभन मंत्र को सिद्ध करने का तरीका: इस शस्त्र स्तंभन मंत्र को सिद्ध करने का प्रयोग सर्वार्थ सिद्धि योग के दिन पर रात के समय श्मशान भूमि में करना है। पंचांग देखकर सर्वार्थ सिद्धि योग किस दिन पर है यह जाना जा सकता है, सर्वार्थ सिद्धि योग यानी कुछ विशिष्ट वार/दिन और नक्षत्रों की युति जो अत्यंत शक्तिशाली होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग पर साधक को रात को श्मशान भूमि में एकांत में अपने शरीर के सर्व कपड़े निकाल कर शांत चित्त से बैठना है और आगे बताए हुए शत्रु-शस्त्र स्तंभन मंत्र का रुद्राक्ष जाप माला के साथ लगातार २१, ००० बार जाप करना है। मंत्र जाप करते समय उसे किसी ने टोकना या विचलित नहीं करना है।
|| ॐ नमो भैरवाय नमः। मम शत्रु-शस्त्र स्तम्भने कुरू कुरु स्वाहा ||
|| Om Namo Bhairavaya Namah | Mam Shatru-Shastra Stambhane Kuru Kuru Swaha ||
मंत्र जाप समाप्त होने पर साधक को श्मशान भूमि में भैरव जी का पूजन करना है और उन्हे मांस-दारू का भोग अर्पित करना है और शस्त्र स्तंभन मंत्र प्रयोग में सफलता पाने की प्रार्थना करनी है।
इस मंत्र का प्रयोग कैसा करें: शस्त्र स्तंभन मंत्र पर सिद्धि पाने के बाद जब कभी आवश्यकता पड़ेगी यानी जब दुश्मन शस्त्र लेकर हमला करने के लिए आया हो, तब उसने अपने दाहिने हाथ में खरमंजरी जिसे अपामार्ग या लटजीरा या चिरचिटा,भी कहते है, उस पौधे के थोड़े से बीज लेने है और मंत्र को २१ बार बोलकर उन बीज को स्तंभन मंत्र के शक्ति से अभिमंत्रित करना है।
और, उन स्तंभन मंत्र अभिमंत्रित बीज को शत्रु के सामने फेंक देना है। इस विधि के शत्रु का हाथ स्तंभित हो जाता है और वह वार नहीं कर पाता है।
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