इस पोस्ट में मैंने भूत-प्रेत, आत्मा, राक्षस, दानव, पिशाच जैसी भयंकर शक्तियों और बाघ, भालू और सांप जैसे खतरनाक जंगली प्राणियों से रक्षा पाने के दो शक्तिशाली शाबर मंत्रों के बारे में लिखा है।
यह दोनों प्राचीन शाबर आत्म रक्षा मंत्र साधक की हर जगह रक्षा करते है, खास करके यात्रा और सफर के दौरान। इन शाबर रक्षा मंत्रों का प्रयोग करने के लिए सिद्धि साधना और नियम और बंधन नहीं है। और, इनका प्रयोग करने की विधि अत्यंत सरल और आसान है, इसलिए कोई भी व्यक्ति बिना परेशानी के इन स्वयं सिद्ध शाबर मंत्रों का प्रयोग कर सकता है।
शाबर रक्षा मंत्र का प्रयोग करने की विधि: यात्रा शुरू होने के पहले इन दोनों शाबर रक्षा मंत्रों में से साधक किसी भी एक मंत्र को चुन कर उसे सिर्फ तीन बार बोलकर घर से निकाल जाए तो उसे किसी भी जीव, प्राणी या ऊर्जा से खतरा नहीं होता है।
|| मुई खप्पर हिके असमान लटकाय बल से तीन लोक पृथ्वी जरि जाय |
परम पिता पुरुषोत्तम मैं बोलूँ इस बार, तुम रक्षा करो रक्षा करो हमार | आदेश कामरू कामाख्या हाड़ि दासी चण्डी की दुहाई ||
|| Muee Khappar Hike Aasamaan Latakaay Bal Se Teen Lok Prithvi Jari Jaay |
Param Pita Purushottam Maim Boloom Is Baar, Tum Raksha Karo Raksha Karo Hamaar | Aadesh Kaamroo Kamakhya Hadi Dasi Chandi Ki Duhai ||
|| ॐ नमो कामरूर कामाख्या देवी कहाँ जाने को हुआ मेरा मन आत्मरक्षा बंदि होऊँ सावधान सिर हाथ दंहत ओ बंधन गर्दन पेट पीठी बंधन और बंधन चरण अष्टांग बाँधू मनसा के वरदान करा सके उमा के बान। कामाख्या वह होऊ अमर। आदेश हाड़ि दासी चण्डी की दुहाई ||
यह दोनों प्राचीन शाबर आत्म रक्षा मंत्र साधक की हर जगह रक्षा करते है, खास करके यात्रा और सफर के दौरान। इन शाबर रक्षा मंत्रों का प्रयोग करने के लिए सिद्धि साधना और नियम और बंधन नहीं है। और, इनका प्रयोग करने की विधि अत्यंत सरल और आसान है, इसलिए कोई भी व्यक्ति बिना परेशानी के इन स्वयं सिद्ध शाबर मंत्रों का प्रयोग कर सकता है।
शाबर रक्षा मंत्र का प्रयोग करने की विधि: यात्रा शुरू होने के पहले इन दोनों शाबर रक्षा मंत्रों में से साधक किसी भी एक मंत्र को चुन कर उसे सिर्फ तीन बार बोलकर घर से निकाल जाए तो उसे किसी भी जीव, प्राणी या ऊर्जा से खतरा नहीं होता है।
|| मुई खप्पर हिके असमान लटकाय बल से तीन लोक पृथ्वी जरि जाय |
परम पिता पुरुषोत्तम मैं बोलूँ इस बार, तुम रक्षा करो रक्षा करो हमार | आदेश कामरू कामाख्या हाड़ि दासी चण्डी की दुहाई ||
|| Muee Khappar Hike Aasamaan Latakaay Bal Se Teen Lok Prithvi Jari Jaay |
Param Pita Purushottam Maim Boloom Is Baar, Tum Raksha Karo Raksha Karo Hamaar | Aadesh Kaamroo Kamakhya Hadi Dasi Chandi Ki Duhai ||
|| ॐ नमो कामरूर कामाख्या देवी कहाँ जाने को हुआ मेरा मन आत्मरक्षा बंदि होऊँ सावधान सिर हाथ दंहत ओ बंधन गर्दन पेट पीठी बंधन और बंधन चरण अष्टांग बाँधू मनसा के वरदान करा सके उमा के बान। कामाख्या वह होऊ अमर। आदेश हाड़ि दासी चण्डी की दुहाई ||
|| Om Namo Kamroor Kamakhya Devi Kahan Jaane Ko Hua Mera Man Atmaraksha Bandi Houm Savadhan Sir Haath Damhat O Bandhan Gardan Pet Peethi Bandhan Aur Bandhan Charan Ashtaang Baandhoo Mansaa Ke Vardaan Kara Sake Uma Ke Baan | Kamakhya Vah Hou Amar | Aadesh Hadi Dasi Chandi Ki Duhai ||
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