इस पोस्ट में, मैंने किसी भी देवी-देवता के मंदिर में और उस मंदिर में स्थापित मूर्ति के सामने क्या करना उचित नहीं है इसके बारे में ११ प्रमुख चीजों के बारे में लिखा है। हिन्दू धर्म शास्त्र में ३२ प्रकार के सेवापराध बताए गए है, जीने में कुछ गलतियाँ आम लोग हमेशा करते है और उन्हे टालना देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए जरूरी माना जाता है।
१] मूर्ति के सामने पैर फैलाकर या मूर्ति को पीठ करके कभी भी न बैठे।
२] मूर्ति के सामने कभी भी मत सोइए।
३] मूर्ति के सामने बैठकर भोजन या स्नैक्स नहीं करना है।
४] मूर्ति के सामने झूठ मत बोलो और किसी को भी कोसना या उनकी नहीं करना।
५] मूर्ति के सामने चुगलखोरी और गपशप नहीं करना है और और जोर-जोर से बात करना या चिल्लाना नहीं है या कसी के साथ लड़ाई-झगड़े नहीं करना है।
६] मूर्ति के सामने कभी भी अश्लील शब्दों, गाली गलौज और धमकियों का प्रयोग नहीं करना है।
७] मूर्ति के सामने किसी भी भक्त या अन्य किस भी व्यक्ति को तकलीफ नहीं देनी है या उनसे कठोरता से बात-चित नहीं करनी है।
८] मंदिर में किसी भी देवी-देवता की कभी भी निंदा या आलोचना नहीं करनी है।
९] मूर्ति के सामने खुद की तारीफ मत कीजिए और हमेशा दूसरों की प्रशंसा करें।
१०] मूर्ति के सामने हो, तो हमेशा दोनों हाथों से मूर्ति को नमस्कार करें।
११] मंदिर के अंदर कभी भी जूते-चप्पल पहनकर मन जाईए।
१] मूर्ति के सामने पैर फैलाकर या मूर्ति को पीठ करके कभी भी न बैठे।
२] मूर्ति के सामने कभी भी मत सोइए।
३] मूर्ति के सामने बैठकर भोजन या स्नैक्स नहीं करना है।
४] मूर्ति के सामने झूठ मत बोलो और किसी को भी कोसना या उनकी नहीं करना।
५] मूर्ति के सामने चुगलखोरी और गपशप नहीं करना है और और जोर-जोर से बात करना या चिल्लाना नहीं है या कसी के साथ लड़ाई-झगड़े नहीं करना है।
६] मूर्ति के सामने कभी भी अश्लील शब्दों, गाली गलौज और धमकियों का प्रयोग नहीं करना है।
७] मूर्ति के सामने किसी भी भक्त या अन्य किस भी व्यक्ति को तकलीफ नहीं देनी है या उनसे कठोरता से बात-चित नहीं करनी है।
८] मंदिर में किसी भी देवी-देवता की कभी भी निंदा या आलोचना नहीं करनी है।
९] मूर्ति के सामने खुद की तारीफ मत कीजिए और हमेशा दूसरों की प्रशंसा करें।
१०] मूर्ति के सामने हो, तो हमेशा दोनों हाथों से मूर्ति को नमस्कार करें।
११] मंदिर के अंदर कभी भी जूते-चप्पल पहनकर मन जाईए।
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