इन चमत्कारी मंत्र साधनाओं से किन्नरी आपकी पत्नी बन सकती है


किन्नरी साधना करने से कभी-कभी साधक इतना शक्तिशाली और बलवान बन जाता है की वह देवताओं से भी शक्तिशाली हो जाता है। किन्नरी साधना से साधक को भयंकर सिद्धियाँ और अलौकिक शक्ति प्राप्त हो जाती है और वह अपनी सारी इच्छाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकती है। इस पोस्ट में मैंने, तीन अलग-अलग चमत्कारी किन्नरी ससधनाओं के बारे में लिखा है, जिनका प्रयोग करने से साधक किन्नरी को अपनी पत्नी बना सकता है। 

१] सुभगा किन्नरी मंत्र साधना: साधक इस साधना को किसी भी पर्वत या किसी भी दुर्गम स्थान में स्थित मंदिर या वन में कर सकता है जहाँ उसे साधना करते समय अशांति, बाधा या उपद्रव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

साधक को सुभगा किन्नरी के मंत्र का लगातार १०, ००० बार जाप करना है। और अगर वह सुभगा किन्नरी को आकर्षित करने में सफल हो जाता है, तब वह उसके सामने प्रकट हो जाती है और उसकी अर्धांगिनी बन कर उसकी सेवा करने लगती है और उसे हर दिन ८ स्वर्ण मुद्रा भेंट में देती है।

चमत्कारी सुभगा किन्नरी मंत्र

२] सुरत प्रिया किन्नरी मंत्र साधना: इस किन्नरी मंत्र साधना को  किसी भी दिन रात के समय दो नदियों के मिलन स्थान पर करना है। साधक को शांत चित्त और आत्मविश्वास के साथ सुरत प्रिया किन्नरी के मंत्र का ८००० बार जाप करना है।

सुरत प्रिया किन्नरी मंत्र

सुरत प्रिया किन्नरी शीघ्र प्रसन्न होने वाली किन्नरी है और पहले हि दिन मंत्र जाप पूरा होने के बाद वह साधक के पास आती है और उसे अपना आकर्षक रूप दिखाती है। दूसरे दिन वह फिर मंत्र जाप के अंत में साधक के सामने प्रकट होती है और उसके साथ बातें करती है।

तीसरे दिन सुरत प्रिया किन्नरी, मंत्र जाप पूरा होने पर साधक के पास आती है और उसकी पत्नी बन जाती है। वह साधक की हर इच्छा और मनोकमाना पूरी करती है और हर दिन उसे एक दिव्य जादुई वस्त्र और ८ स्वर्ण मुर्दा देती है।

३] सुमुखी किन्नरी मंत्र साधना: इस किन्नरी मंत्र साधना को पर्वत के शिखर पर करना है। साधक को हर दिन पर्वत के शिखर पर चढ़ कर सुमुखी किन्नरी को माँस का भोग अर्पित करना है और मंत्र का १०, ००० बार जाप करना है। अगर सुमुखी किन्नरी साधक से आकर्षित हो जाती है, तो वह उसके पास आकार बड़े प्यार से उसका आलिंगन करती है और उसे चुंबन देती है।

सुमुखी किन्नरी मंत्र

सुमुखी किन्नरी साधक की पत्नी बनकर उसकी हर तरह से सेवा करती है और उसे उत्तम खाने-पीने की चीजें और ८ सुवर्ण मुद्रा देती है।

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