इस पोस्ट में, मैंने एक महाशक्तिशाली स्वयं सिद्ध शाबर आत्म रक्षा मंत्र के बारे में लिखा है जिससे काले जादू-टोने, बुरी-नजर, शाप, हाय, बददुआ, बाहरी बला-ऊपरी हवा और भूत-प्रेतों और आत्माओं जैसी खतरनाक और हानिकारक शक्तियों को प्रभावित व्यक्ति के शरीर और आस-पास के तुरंत भगाया जा सकता है।
इस शाबर आत्म रक्षा मंत्र को सिद्ध करके उसका प्रयोग करने का तरीका इस प्रकार से है:
१] इस शाबर मंत्र को पूरी तरह से याद करने से यानि की कंठस्य करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और फिर साधक किसी भी प्रभावित व्यक्ति का झाड़ा यानि की उतारा कर के उसे नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दे सकता है।
२] साधक को प्रभावित व्यक्ति को अपने सामने बिठा कर या खड़ा करके उसका झाड़ा करना है। झाड़ा करने के लिए साधक मोरपंख, झाड़ू या गाय के गोबर के उपले की राख का उपयोग कर सकता है। अगर साधक मोरपंख का इस्तेमाल कर रहा है, तो उसने १, ३ या ७ बार दक्षिण वर्त यानि की घड़ी की दिशा से मोर पंख या झाड़ू को प्रभावित व्यक्ति के शरीर के ऊपर से घुमाना है।
|| सरस्वती गाड़ी सुन्ने का दिया, रूपे की बाती गुण बाती-बाती अंकिनी-डंकिनी-शंखिनी जादू-टोना तेरी भवानी इसी घड़ी यहाँ से निकल जाय, मेरी आन मेरे गुरु की आन ईश्वर गौरा पार्वती महादेव की दुहाई ||
|| Saraswati Gaadi Sunne Ka Diya, Rupe Ki Baati Gun Baati-Baati Ankini-Dankini-Shankini Jadoo-Tona Teri Bhavani Isi Ghadi Yahan Se Nikal Jaay, Meri Aan Mere Guru Ki Aan Ishwar Goura Parvati Mahadev Ki Duhaee ||
३] अगर वह उपले के राख का इस्तेमाल कर रहा है, तब उसने चुटकी भर राख को प्रभावित व्यक्ति के शरीर के ऊपर घुमाना है और फिर राख को उस व्यक्ति के ऊपर फूँक देना है।
|४] यह एक बार करने का नकारात्मक शक्ति नाशक उपाय है और अगर इसकी जरूरत लगेगी तो फिर से इस प्रयोग को जरूरत से मुताबिक किया जा सकता है।
इस शाबर आत्म रक्षा मंत्र को सिद्ध करके उसका प्रयोग करने का तरीका इस प्रकार से है:
१] इस शाबर मंत्र को पूरी तरह से याद करने से यानि की कंठस्य करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और फिर साधक किसी भी प्रभावित व्यक्ति का झाड़ा यानि की उतारा कर के उसे नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दे सकता है।
२] साधक को प्रभावित व्यक्ति को अपने सामने बिठा कर या खड़ा करके उसका झाड़ा करना है। झाड़ा करने के लिए साधक मोरपंख, झाड़ू या गाय के गोबर के उपले की राख का उपयोग कर सकता है। अगर साधक मोरपंख का इस्तेमाल कर रहा है, तो उसने १, ३ या ७ बार दक्षिण वर्त यानि की घड़ी की दिशा से मोर पंख या झाड़ू को प्रभावित व्यक्ति के शरीर के ऊपर से घुमाना है।
|| सरस्वती गाड़ी सुन्ने का दिया, रूपे की बाती गुण बाती-बाती अंकिनी-डंकिनी-शंखिनी जादू-टोना तेरी भवानी इसी घड़ी यहाँ से निकल जाय, मेरी आन मेरे गुरु की आन ईश्वर गौरा पार्वती महादेव की दुहाई ||
|| Saraswati Gaadi Sunne Ka Diya, Rupe Ki Baati Gun Baati-Baati Ankini-Dankini-Shankini Jadoo-Tona Teri Bhavani Isi Ghadi Yahan Se Nikal Jaay, Meri Aan Mere Guru Ki Aan Ishwar Goura Parvati Mahadev Ki Duhaee ||
३] अगर वह उपले के राख का इस्तेमाल कर रहा है, तब उसने चुटकी भर राख को प्रभावित व्यक्ति के शरीर के ऊपर घुमाना है और फिर राख को उस व्यक्ति के ऊपर फूँक देना है।
|४] यह एक बार करने का नकारात्मक शक्ति नाशक उपाय है और अगर इसकी जरूरत लगेगी तो फिर से इस प्रयोग को जरूरत से मुताबिक किया जा सकता है।
नोट: इस शाबर मंत्र का वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है: काला जादू और बहारी बला नाशक शाबर मंत्र
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