मतंगेश्वरी यक्षिणी और भोग यक्षिणी मंत्र साधना


इस पोस्ट में, मैंने मतंगेश्वरी यक्षिणी और भोग यक्षिणी के अत्यंत असरदार मंत्र साधनाओं के बारे में लिखा है। मतंगेश्वरी यक्षिणी को प्रसन्न करके साधक को उत्तम से उत्तम अन्न / भोजन मिलता है और भोग यक्षिणी को प्रसन्न कर के हर धन और भोग की प्राप्ति होती है।

मनपसंद भोजन करने की मतंगेश्वरी यक्षिणी मंत्र साधना: साधक को आगे बताए हुए मतंगेश्वरी यक्षिणी मंत्र को कुल १००००० बार बोलना है और फिर राल / resin का दशांश हवन करना है।

|| ॐ ह्रीं ॐ क्लीं नमो मतंगेश्वरी नमः ||
|| Om Hreem Om Kleem Namo Matangeshwari Namah ||


अगर साधक मतंगेश्वरी यक्षिणी को प्रसन्न करने में सफल हो जाता है तो वह उसे इच्छित भोजन का वरदान देती है।

भोग यक्षिणी मंत्र साधना

हर प्रकार के भोग  का आनंद लेने की भोग यक्षिणी मंत्र साधना: भोग यक्षिणी को कई बार सुरसुंदरी यक्षणी करके की पुकारा जाता है और उन्हे प्रसन्न करके उनकी कृपा पाने की एक से ज्यादा मंत्र साधना है। इस पोस्ट में बतायी गयी भोग यक्षिणी मंत्र साधना सरल और आसान लेकिन अत्यंत प्रभावी है।

इस चमत्कारी यक्षिणी मंत्र का जाप करने से साधक को अपार धन-दौलत और संपत्ति की प्राप्ति होती है और उसे  हर प्रकार का मानसिक और शारीरिक सुख-समाधान मिलता है। इसके साथ-साथ भूत-प्रेत-पिशाच जैसे अदृश्य जीव उसकी सेवा करते है और उसके हर आज्ञा का पालन करते है।

इस भोग यक्षिणी मंत्र का जाप करने का तरीका: आगे बताए मंत्र को पूर्व निर्धारित दोनों में कुल २०,००० बार बोलें। मंत्र साधना के काल में सात्विक भोजन और दूध-खीर का सेवन करें।

|| ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः||
|| Om Hreem Shreem Kleem Namah ||

नोट: इस भोग यक्षिणी मंत्र साधना का हिंदी वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हो: अपार धन-दौलत और आनंद पाने का भोग यक्षिणी मंत्र

दोनों यक्षिणी मंत्र साधना के लिए:
मंत्र साधना किसी भी शुभ मुहूर्त पर शुरू की जा सकती है। दिशा, आसान और माला के बारे में विशेष नियम और बंधन नहीं है।

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