इस पोस्ट में, मैंने शक्तिशाली से शक्तिशाली बुरी नजर और भूत-प्रेत से मुक्ति पाने के सरल और आसान लेकिन अत्यंत अचूक यंत्रों के बारे में लिखा है। इन अद्भुत यंत्रों में कठिन और शक्तिशाली नकारात्मक और दुष्ट शक्तियों को बहुत जल्द नष्ट करने की ऊर्जा निर्माण करने की अलौकिक शक्ति है।
साधक जरूरत के अनुसार इन दोन राक्षतमक यंत्रों में से किसी भी एक यंत्र या दोनों यंत्रों का इस्तेमाल कर सकता है। और, इन यंत्रों को बनाकर नजर दोष या भूत-प्रेत से पीड़ित दूसरे व्यक्तियों का उतारा करने के हेतु से उन्हे धारण करने के लिए भी दे सकता है।
बुरी नजर नाशक यंत्र: यह ३४ का महाशक्तिशाली नजर दोष उतारने का यंत्र है जो बहुत शीघ्र बुरी नजर को नष्ट कर के नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति को आराम देता है।
भूत-प्रेत, दुष्ट-आत्मा और अन्य अदृश बला से मुक्ति पाने का यंत्र: इस चमत्कारी यंत्र का प्रयोग करके साधक किसी भी प्रकार की अदृश बला या पिशाच, राक्षस, प्रेत-आत्मा को भगाकर शांति पा सकता है।
साधक जरूरत के अनुसार इन दोन राक्षतमक यंत्रों में से किसी भी एक यंत्र या दोनों यंत्रों का इस्तेमाल कर सकता है। और, इन यंत्रों को बनाकर नजर दोष या भूत-प्रेत से पीड़ित दूसरे व्यक्तियों का उतारा करने के हेतु से उन्हे धारण करने के लिए भी दे सकता है।
बुरी नजर नाशक यंत्र: यह ३४ का महाशक्तिशाली नजर दोष उतारने का यंत्र है जो बहुत शीघ्र बुरी नजर को नष्ट कर के नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति को आराम देता है।
भूत-प्रेत, दुष्ट-आत्मा और अन्य अदृश बला से मुक्ति पाने का यंत्र: इस चमत्कारी यंत्र का प्रयोग करके साधक किसी भी प्रकार की अदृश बला या पिशाच, राक्षस, प्रेत-आत्मा को भगाकर शांति पा सकता है।
इन यंत्रों को बनाकर धरण करने की विधि इस प्रकार से है: १] दोनों यंत्रों को बनाने का और उन्हे इस्तेमाल करने का तरीका एक जैसा है और इन्हे किसी भी दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करके बनाया जा सकता है।
२] साधक इन यंत्रों को भोजपत्र या सफेद रंग के कागज पर बना सकता है। यंत्र को केसर की स्याही [ केसर में पानी के ३-४ बूंद डालकर घोलकर स्याही बनानी है] से अनार के कलम [ अनार के पेड़ की नुकीली लकड़ी ] से लिखना है।
३] फिर, यंत्र के सामने धूप / अगरबत्ती और घी का दिया प्रज्वलित करना है और अपने इष्ट देवता का स्मरण करना है फिर यंत्र को कपड़े या धातु के ताबीज में डालकर गले में धरण करना है या लैमिनेट करके अपने जेब, पर्स या बटुए में रखना है।
२] साधक इन यंत्रों को भोजपत्र या सफेद रंग के कागज पर बना सकता है। यंत्र को केसर की स्याही [ केसर में पानी के ३-४ बूंद डालकर घोलकर स्याही बनानी है] से अनार के कलम [ अनार के पेड़ की नुकीली लकड़ी ] से लिखना है।
३] फिर, यंत्र के सामने धूप / अगरबत्ती और घी का दिया प्रज्वलित करना है और अपने इष्ट देवता का स्मरण करना है फिर यंत्र को कपड़े या धातु के ताबीज में डालकर गले में धरण करना है या लैमिनेट करके अपने जेब, पर्स या बटुए में रखना है।
क्या इसे किसी भी भाषा में लिख सकते हैं!
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