ब्रह्मा गायत्री मंत्र में प्रचंड शक्ति है और इस मंत्र को बोलने से भयंकर सात्विक ऊर्जा का निर्माण करके सर्व नकारात्मकता को नष्ट किया जा सकता है। इसलिए संसारिक समस्याओं और परेशानियाँ, जैसे की पैसों और धन की कमी या विद्या और ज्ञान पाने में कठिनाई दूर करने के लिए ब्रह्मदेव गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद साबित होता है।
ब्रह्मदेव, विष्णु भगवान और शिवजी के साथ ब्रह्मांड के तीन प्रमुख देवों में से एक है। ब्रह्माजी को सृष्टि के रचयिता या ब्रह्मांड के पितामह या जगत-पिता भी कहा जाता है। ब्रह्मा जी स्वयंभू प्रकट हुए है और वह चारों वेदों के निर्माता है, लेकिन उनकी पुजा बहुत कम होती है। इसके लिए प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में अलग-अलग कारण बताए गए है।
लेकिन बड़े-बड़े ऋषि, महर्षि, देव, दानव और उच्च कोटि के साधक हमेशा ब्रह्मदेव का आशीर्वाद पाकर दिव्य शक्तियां और सिद्धियाँ पाने के लिए उनकी पुजा में लीन होते है।
ब्रह्मा गायत्री मंत्र बोलने के कुछ प्रमुख लाभ: १] ब्रह्मा गायत्री मंत्र बोलने से हर प्रकार के ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है और पढ़ाई में जल्द प्रगति होती है, स्मरण शक्ति बढ़ जाती है और मन और दिमाग तेज और ताजा बन जाता है।
२] साधक को सुख-शांति और समाधान का अनुभव होता है और उसे धन, दौलत, मकान की प्राप्ति होती है और जीवन में किसी भी वस्तु की कमी महसूस नहीं होती है।
३] साधक को शत्रु, रोग समेत सर्वे खतरों, संकटों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप करने का तरीका: १] ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप किसी भी दिन से शुरू किया जा सकता है या अगर साधक की इच्छा हो तो वह मंत्र जाप को किसी भी शुभ दिन या त्योहार के पावन अवसर पर शुरू कर सकता है।
२] नीचे बताए हुए ब्रह्मा गायत्री मंत्र को सवेरे या रात तो सोने के पहले ३, ७ या ११ बार या उससे अधिक, बोलना उच्चीत होगा।
मंत्र
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे हंसारुढ़ाय धीमहि। तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Chaturmukhaya Vidmahe Hamsaarudhaya Dhimahi | Tanno Brahmah Prachodayaat ||
३] ब्रह्मदेव गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए विशेष पूजा-विधि या तंत्र नहीं है, लेकिन इस गायत्री मंत्र का जाप इच्छा-शक्ति और आत्मविश्वास के साथ किया जाएगा तो इसके तुरंत प्रचंड लाभ प्राप्त होते है।
नोट: ब्रह्मा गायत्री मंत्र के हिन्दु विडियो को हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है: अपार धन पाकर धन की कमी दूर करने का ब्रह्मा गायत्री मंत्र
ब्रह्मदेव, विष्णु भगवान और शिवजी के साथ ब्रह्मांड के तीन प्रमुख देवों में से एक है। ब्रह्माजी को सृष्टि के रचयिता या ब्रह्मांड के पितामह या जगत-पिता भी कहा जाता है। ब्रह्मा जी स्वयंभू प्रकट हुए है और वह चारों वेदों के निर्माता है, लेकिन उनकी पुजा बहुत कम होती है। इसके लिए प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में अलग-अलग कारण बताए गए है।
लेकिन बड़े-बड़े ऋषि, महर्षि, देव, दानव और उच्च कोटि के साधक हमेशा ब्रह्मदेव का आशीर्वाद पाकर दिव्य शक्तियां और सिद्धियाँ पाने के लिए उनकी पुजा में लीन होते है।
ब्रह्मा गायत्री मंत्र बोलने के कुछ प्रमुख लाभ: १] ब्रह्मा गायत्री मंत्र बोलने से हर प्रकार के ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है और पढ़ाई में जल्द प्रगति होती है, स्मरण शक्ति बढ़ जाती है और मन और दिमाग तेज और ताजा बन जाता है।
२] साधक को सुख-शांति और समाधान का अनुभव होता है और उसे धन, दौलत, मकान की प्राप्ति होती है और जीवन में किसी भी वस्तु की कमी महसूस नहीं होती है।
३] साधक को शत्रु, रोग समेत सर्वे खतरों, संकटों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप करने का तरीका: १] ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप किसी भी दिन से शुरू किया जा सकता है या अगर साधक की इच्छा हो तो वह मंत्र जाप को किसी भी शुभ दिन या त्योहार के पावन अवसर पर शुरू कर सकता है।
२] नीचे बताए हुए ब्रह्मा गायत्री मंत्र को सवेरे या रात तो सोने के पहले ३, ७ या ११ बार या उससे अधिक, बोलना उच्चीत होगा।
मंत्र
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे हंसारुढ़ाय धीमहि। तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ||
Mantra
Om Chaturmukhaya Vidmahe Hamsaarudhaya Dhimahi | Tanno Brahmah Prachodayaat ||
३] ब्रह्मदेव गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए विशेष पूजा-विधि या तंत्र नहीं है, लेकिन इस गायत्री मंत्र का जाप इच्छा-शक्ति और आत्मविश्वास के साथ किया जाएगा तो इसके तुरंत प्रचंड लाभ प्राप्त होते है।
नोट: ब्रह्मा गायत्री मंत्र के हिन्दु विडियो को हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है: अपार धन पाकर धन की कमी दूर करने का ब्रह्मा गायत्री मंत्र
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