इस पोस्ट में, मैंने अपने माथे पर तिलक लगाकर या अपने शरार पर लेप लगाकर किसी को भी मोहित करके अपने सम्मोहन और वशीकरण के बंधन में लाने के १० बिना मंत्र, यंत्र या पूजा-विधि के सरल लेकिन अत्यंत शक्तिशाली और अचूक वशीकरण उपायों के बारे में लिखा है। इन वशीकरण उपायों का उल्लेख श्री दत्तात्रेय तंत्र और अन्य विश्वानीय शाबर वशीकरण तंत्रों में मिलता है।
1] मदार के पेड़ के मूल का एक छोटा सा तुकडा और सम-मात्रा में गोरोचन को जल या दूध के थोडेसे बूंदों में मिलाकर एक पेस्ट बनाकर उसका तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक को देखने वाले सर्व स्त्री और पुरुष सम्मोहित हो जाते है।
२] सहदेई के पेड़ के जड़ का एक टुकड़ा गंगाजल में मिलाकर उसे अच्छी तरह से घिसकर उस चूर्ण को अपने आँखों में आंजन की तरह लगाने से साधक से नजर मिलाने वाले सर्वजन उससे मोहित हो जाते है और उसके वशीकरण के प्रभाव में आ जाते है।
३] तुलसी के बीजों का चूर्ण करके उसे सहदेई के रस में मिलाकर एक पेस्ट बनाकर उसे अपने माथे पर तिलक करके लगाने से साधक को देखने वाले सारे महिला और पुरुष वश हो जाते है।
४] श्वेत यानी की सफेद दूर्वा और हरताल को एक साथ घिसकर उसकी पेस्ट का तिलक अपने माथे पर लगाने से देव, पृथ्वी और पाताल के लोग साधक के सम्मोहन के बंधन में आ जाते है और उनका अटूट वशीकरण हो जाता है।
५] मैनसिल और कपूर को केले के रस में मिलाकर उसका चूर्ण करके उस चूर्ण का अपने माथे पर तिलक लगाने से साधक सब को कामुक, लुभावना और आकर्षक लगने लगता है और वह किसी भी मनचाहे स्त्री या पुरुष को अपने वशीकरण के प्रभाव में ला सकता है।
६] सफेद गुंजा के रस में ब्रह्मदंडी इस वनस्पति के जड़ को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर उस चूर्ण का लेप अपने बदन पर लगाने से सारा जगत मोहित हो जाता है।
७] सफेद आक का जड़ और सफेद चंदन को एक साथ घिसकर उनका चूर्ण बनाकर उस चूर्ण का अपने शरीर पर लेप करने से साधक सब महिला और पुरुषों को लुभावना और आकर्षक लगने लगता है।
८] असगंध और हरताल को केले के रस में मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर उसमें गोरोचन मिलाकर के पेस्ट बनाकर उसका तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक को जो कोई देखेगा वह उसके सटीक वशीकरण के बंधन में आ जाता है।
९] ओंगा यानी कि अपामार्ग, भांगरा, लाजा और सहदेई इस चार वनस्पतियों को एक साथ घिसकर एक चूर्ण बनाकर उसे अपने माथे पर तिलक करके लगाने से तीनों लोक साधक के सम्मोहन के प्रभाव में आ जाते है।
१०] सफेद ओंगा के जड़ के चूर्ण का तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक की वशीकरण और सम्मोहन शक्ति तीव्र हो जाती है।
1] मदार के पेड़ के मूल का एक छोटा सा तुकडा और सम-मात्रा में गोरोचन को जल या दूध के थोडेसे बूंदों में मिलाकर एक पेस्ट बनाकर उसका तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक को देखने वाले सर्व स्त्री और पुरुष सम्मोहित हो जाते है।
२] सहदेई के पेड़ के जड़ का एक टुकड़ा गंगाजल में मिलाकर उसे अच्छी तरह से घिसकर उस चूर्ण को अपने आँखों में आंजन की तरह लगाने से साधक से नजर मिलाने वाले सर्वजन उससे मोहित हो जाते है और उसके वशीकरण के प्रभाव में आ जाते है।
३] तुलसी के बीजों का चूर्ण करके उसे सहदेई के रस में मिलाकर एक पेस्ट बनाकर उसे अपने माथे पर तिलक करके लगाने से साधक को देखने वाले सारे महिला और पुरुष वश हो जाते है।
४] श्वेत यानी की सफेद दूर्वा और हरताल को एक साथ घिसकर उसकी पेस्ट का तिलक अपने माथे पर लगाने से देव, पृथ्वी और पाताल के लोग साधक के सम्मोहन के बंधन में आ जाते है और उनका अटूट वशीकरण हो जाता है।
५] मैनसिल और कपूर को केले के रस में मिलाकर उसका चूर्ण करके उस चूर्ण का अपने माथे पर तिलक लगाने से साधक सब को कामुक, लुभावना और आकर्षक लगने लगता है और वह किसी भी मनचाहे स्त्री या पुरुष को अपने वशीकरण के प्रभाव में ला सकता है।
६] सफेद गुंजा के रस में ब्रह्मदंडी इस वनस्पति के जड़ को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर उस चूर्ण का लेप अपने बदन पर लगाने से सारा जगत मोहित हो जाता है।
७] सफेद आक का जड़ और सफेद चंदन को एक साथ घिसकर उनका चूर्ण बनाकर उस चूर्ण का अपने शरीर पर लेप करने से साधक सब महिला और पुरुषों को लुभावना और आकर्षक लगने लगता है।
८] असगंध और हरताल को केले के रस में मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर उसमें गोरोचन मिलाकर के पेस्ट बनाकर उसका तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक को जो कोई देखेगा वह उसके सटीक वशीकरण के बंधन में आ जाता है।
९] ओंगा यानी कि अपामार्ग, भांगरा, लाजा और सहदेई इस चार वनस्पतियों को एक साथ घिसकर एक चूर्ण बनाकर उसे अपने माथे पर तिलक करके लगाने से तीनों लोक साधक के सम्मोहन के प्रभाव में आ जाते है।
१०] सफेद ओंगा के जड़ के चूर्ण का तिलक अपने माथे पर लगाने से साधक की वशीकरण और सम्मोहन शक्ति तीव्र हो जाती है।
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