इस आर्टिकल में, मैंने हनुमान जी के दो अत्यंत असरदार रोग, बीमारी और भय नाशक मंत्रों की जानकारी दी है जिनसे बुखार के वजह से होने वाली कंपकंपी, गैस, पेट-दर्द और बदहजमी से आराम मिलता है।
कंपकंपी से मुक्ति पाने के हनुमान मंत्र को बोलने का तरीका: इस हनुमान मंत्र को बोलने से बुखार-बीमारी, शत्रु-जादू-टोने या भूत प्रेत के डर या नौकरी की मुलाखत या परीक्षा के पहले की थरथराहट यानी की कंपकंपी दूर हो जाती है।
साधक को अपने दाहिने हाथ में १ लौंग / Clove लेकर आगे बताए हुए श्री हनुमान मंत्र को सिर्फ १ बार बोलकर उस लौंग को हनुमान मंत्र की प्रचंड शक्ति से अभिमंत्रित करना है और फिर उस हनुमान मंत्र अभिमंत्रित लौंग का सेवन करना है या रोगी को खाने के लिए देना है।
मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री राम दूताय नमः ||
Mantra
Om Aim Hreem Hanumate Shri Ram Dootaya Namah ||
इस चमत्कारी रोग नाशक उपाय को हर मंगलवार को करने से हनुमानजी की कृपया और आशीर्वाद से साधक और उसका घर रोगों और बीमारियों से बच सकता है।
कंपकंपी से मुक्ति पाने के हनुमान मंत्र को बोलने का तरीका: इस हनुमान मंत्र को बोलने से बुखार-बीमारी, शत्रु-जादू-टोने या भूत प्रेत के डर या नौकरी की मुलाखत या परीक्षा के पहले की थरथराहट यानी की कंपकंपी दूर हो जाती है।
साधक को अपने दाहिने हाथ में १ लौंग / Clove लेकर आगे बताए हुए श्री हनुमान मंत्र को सिर्फ १ बार बोलकर उस लौंग को हनुमान मंत्र की प्रचंड शक्ति से अभिमंत्रित करना है और फिर उस हनुमान मंत्र अभिमंत्रित लौंग का सेवन करना है या रोगी को खाने के लिए देना है।
मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री राम दूताय नमः ||
Mantra
Om Aim Hreem Hanumate Shri Ram Dootaya Namah ||
इस गैस, पेट-दर्द और बदहजमी नाशक हनुमान मंत्र का प्रयोग करने का तरीका: अगर साधक इन बीमारियों या पेट के संबंधित किसी भी बीमारी से पीड़ित है तो उसने तुलसी के ७ पत्ते अपने दाहिने हाथ में लेने है और आगे बताए हनुमान मंत्र को सिर १ बार शांत चित्त और आत्मविश्वास के साथ बोलकर उन तुलसी के पत्तों पर ३१ बार फूँक मारनी है।
इस सरल और आसान विधि से वह तुलसी के पत्ते श्री हनुमान मंत्र की भयंकर ऊर्जा से अभिमंत्रित हो जाते है। फिर, साधक ने उन हनुमान मंत्र अभिमंत्रित तुलसी के पत्तों को पाने के साथ लेना है या दुसरे रोगी को देने है। ध्यान रहें की उस तुलसीं के पत्तों को चुबना नहीं है, सिफ़े दवाई की तरह पानी के साथ लेना है।
मंत्र
इस सरल और आसान विधि से वह तुलसी के पत्ते श्री हनुमान मंत्र की भयंकर ऊर्जा से अभिमंत्रित हो जाते है। फिर, साधक ने उन हनुमान मंत्र अभिमंत्रित तुलसी के पत्तों को पाने के साथ लेना है या दुसरे रोगी को देने है। ध्यान रहें की उस तुलसीं के पत्तों को चुबना नहीं है, सिफ़े दवाई की तरह पानी के साथ लेना है।
मंत्र
राम दूताय हनुमान |
पवनपुत्राय हनुमान ||
Mantra
Ram Dootaya Hanuman |
Pavanputraya Hanuman ||
हनुमानजी का रोग नाशक उपाय: अगर लगातार रोग या बीमारी से पीड़ित हो या घर में से बीमारी जाने का नाम नहीं ले रही है तो इस बिना मंत्र के रोग नाशक उपाय को शुक्ल पक्ष के मंगलवार से शुरू करें। हर मंगलवार के दिन गेहूं और गुड की पूरी बनाकर हनुमान की मूर्ति को अर्पित करें या किसी भी गरीब व्यक्ति को खाने के लिए दें।
पवनपुत्राय हनुमान ||
Mantra
Ram Dootaya Hanuman |
Pavanputraya Hanuman ||
हनुमानजी का रोग नाशक उपाय: अगर लगातार रोग या बीमारी से पीड़ित हो या घर में से बीमारी जाने का नाम नहीं ले रही है तो इस बिना मंत्र के रोग नाशक उपाय को शुक्ल पक्ष के मंगलवार से शुरू करें। हर मंगलवार के दिन गेहूं और गुड की पूरी बनाकर हनुमान की मूर्ति को अर्पित करें या किसी भी गरीब व्यक्ति को खाने के लिए दें।
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