हिन्दू धर्म के विश्वसनीय प्राचीन ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मांड में सप्त यानी सात चिरंजीवी है, जिनके नाम इस प्रकार से है – हनुमान भगवान, परशुराम भगवान, अश्वत्थामा, बलि, व्यास, विभीषण, और कृपाचार्य। इस सात महान देवताओं / आत्माओं को अमरता का वरदान प्राप्त हुआ है और उन्हे काभी भी मौत नहीं आएगी।
इन सात चिरंजीवियों के साथ महर्षी वेदव्यास को भी आठवां चिरंजीवी बताया गाय है। इस पोस्ट में, मैंने एक अत्यंत दिलचस्प चन्द्रिका यक्षिणी मंत्र साधना के बारे में लिखा है जिसे करने से साधक को अमर यानी की चिरंजीवी बनने का अमृत प्राप्त हो जाता है।
इस दुर्लभ चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना का वर्णन अत्यंत विश्वसनीय शाबर मंत्र शस्त्र के ग्रंथों में पाया जाता है।
इस चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना करने की विधि: १] इस यक्षिणी साधना को किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा यानी की अमावस्या के बाद की पहली तिथि पर शुरू करना है और आने वाली पूर्णिमा की तिथि तक करना है।
२] इस काल में साधक को आगे इमेज में बताए हुए मंत्र का ९००,००० बार जाप करना है। चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना को एकांत में करना है, इस साधना से संबंधित दिशा, आसन और पूजा-विधि के विशेष नियम या बंधन नहीं है। मंत्र जाप के लिए साधक रुद्राक्ष या अन्य किसी भी जाप माला का इस्तेमाल कर सकता है। इन लगभग १४-१५ दिनों को साधक ने इस मंत्र को हर दिन के निर्धारित संख्या में बोलकर मंत्र जाप को पूर्ण करना है।
३] अगर साधक चन्द्रिका यक्षिणी को प्रसन्न करने में सफल होता है तो वह उसके सामने प्रकट होकर उसे अमरता का अमृत देती है।
4] चन्द्रिका यक्षिणी का रूप इस प्रकार से है: चन्द्रिका यक्षिणी काले रंग की लगभग ४५ वर्ष की महिला है, जिसके दांत बाहर निकले जुए है और उसके एक हाथ में जलती हुई मशाल है और दूसरे हाथ में एक लड्डू है। जब चन्द्रिका यक्षिणी प्रकट होती है तब साधक ने बिना डरे उसको प्रणाम करके अमरता का अमृत देने की विनती करनी है।
इस गुप्त और रहस्यमयी यक्षिणी मंत्र साधना को आप हमारे यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हो: अमर बनने की अद्भुत और चमत्कारी यक्षिणी मंत्र साधना
इस यक्षिणी मंत्र साधना का अंग्रेजी आर्टिकल यहाँ पर देखा जा सकता है: Chandrika Yakshini Mantra Sadhana to Become Chiranjeevi
इन सात चिरंजीवियों के साथ महर्षी वेदव्यास को भी आठवां चिरंजीवी बताया गाय है। इस पोस्ट में, मैंने एक अत्यंत दिलचस्प चन्द्रिका यक्षिणी मंत्र साधना के बारे में लिखा है जिसे करने से साधक को अमर यानी की चिरंजीवी बनने का अमृत प्राप्त हो जाता है।
इस दुर्लभ चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना का वर्णन अत्यंत विश्वसनीय शाबर मंत्र शस्त्र के ग्रंथों में पाया जाता है।
इस चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना करने की विधि: १] इस यक्षिणी साधना को किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा यानी की अमावस्या के बाद की पहली तिथि पर शुरू करना है और आने वाली पूर्णिमा की तिथि तक करना है।
२] इस काल में साधक को आगे इमेज में बताए हुए मंत्र का ९००,००० बार जाप करना है। चंद्रिका यक्षिणी मंत्र साधना को एकांत में करना है, इस साधना से संबंधित दिशा, आसन और पूजा-विधि के विशेष नियम या बंधन नहीं है। मंत्र जाप के लिए साधक रुद्राक्ष या अन्य किसी भी जाप माला का इस्तेमाल कर सकता है। इन लगभग १४-१५ दिनों को साधक ने इस मंत्र को हर दिन के निर्धारित संख्या में बोलकर मंत्र जाप को पूर्ण करना है।
३] अगर साधक चन्द्रिका यक्षिणी को प्रसन्न करने में सफल होता है तो वह उसके सामने प्रकट होकर उसे अमरता का अमृत देती है।
4] चन्द्रिका यक्षिणी का रूप इस प्रकार से है: चन्द्रिका यक्षिणी काले रंग की लगभग ४५ वर्ष की महिला है, जिसके दांत बाहर निकले जुए है और उसके एक हाथ में जलती हुई मशाल है और दूसरे हाथ में एक लड्डू है। जब चन्द्रिका यक्षिणी प्रकट होती है तब साधक ने बिना डरे उसको प्रणाम करके अमरता का अमृत देने की विनती करनी है।
इस गुप्त और रहस्यमयी यक्षिणी मंत्र साधना को आप हमारे यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हो: अमर बनने की अद्भुत और चमत्कारी यक्षिणी मंत्र साधना
इस यक्षिणी मंत्र साधना का अंग्रेजी आर्टिकल यहाँ पर देखा जा सकता है: Chandrika Yakshini Mantra Sadhana to Become Chiranjeevi
Comments
Post a Comment