त्रिलोक गुरु श्री दत्तात्रेय भगवान ब्रह्मा, श्री विष्णु और शिवजी के एकत्रित रूप है। इस पोस्ट में मैंने, दत्तात्रेय भगवान पर अपना ध्यान केंद्रित करके जीवन का अंतिम सुख और आनंद पाने के एक अत्यंत सरल लेकिन बहुत ही अद्भुत और चमत्कारी मंत्र के बारे में लिखा है।
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य गुरु दत्तात्रेय को आदी में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अंत मे शिव, इस प्रकार से प्रणाम करते थे।
इस दत्तात्रेय भगवान के मंत्र को बोलने के प्रचंड लाभ:
१] यह भयंकर सकारात्मक ऊर्जा संचालित करने वाला दत्तात्रेय मंत्र है जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का एक साथ उल्लेख कीया गया है, इसलिए इस मंत्र का भगवान दत्तात्रेय में अटूट भक्ति और श्रद्धा रखकर जाप करने से हर चीज संभव हो सकती है और असंभव भी संभव बन जाता है।
२] दत्तात्रेय भगवान के भक्त की गरीबी और दरिद्रता दूर होकर उसे असीमित धन-दौलत, मकान, वाहन, नौकर और हर प्रकार के भौतिक, मानसिक और शारीरिक सुख और शांति की प्राप्ति होती है। घरेलू, पारिवारिक और सामाजिक क्लेश दूर हो जाता है और पती या पत्नी से अच्छे रिश्ते बने रहते है।
३] दत्तात्रेय भगवान के सच्चे भक्ति की रोग, बीमारी और सर्व दुर्घटनाओं से रक्षा होती है, उसे शत्रु, गुप्त-शत्रु, पाप-ग्रहों, शाप-बद्दुआ, भूत-प्रेत- राक्षस, काले जादू-टोने-वशीकरण-मारण जैसे तंत्रिकी प्रयोगों से तकलीफ नहीं होती।
४] भक्त की आध्यात्मिक प्रगति होती है, उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसकी कुंडलिनी जागृत होने की संभावना तीव्र हो जाती है। कुछ साधकों को दिव्य, अलौकिक और भूत-भविष्य देखने की शक्तियां प्राप्त हो जाती है।
इस गुरु दत्तात्रेय भगवान के मंत्र का जाप कैसे करें:
१] इस मंत्र का दत्तात्रेय भगवान का स्मरण करके लगभग ५ मिनट जाप करें।
२] मंत्र का जाप किसी भी दिन से कीया जा सकता है और इस मंत्र का जाप करने के लिए किसी भी प्रकार का तंत्र, नियम या बंधन नहीं है।
Mantra
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य गुरु दत्तात्रेय को आदी में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अंत मे शिव, इस प्रकार से प्रणाम करते थे।
इस दत्तात्रेय भगवान के मंत्र को बोलने के प्रचंड लाभ:
१] यह भयंकर सकारात्मक ऊर्जा संचालित करने वाला दत्तात्रेय मंत्र है जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का एक साथ उल्लेख कीया गया है, इसलिए इस मंत्र का भगवान दत्तात्रेय में अटूट भक्ति और श्रद्धा रखकर जाप करने से हर चीज संभव हो सकती है और असंभव भी संभव बन जाता है।
२] दत्तात्रेय भगवान के भक्त की गरीबी और दरिद्रता दूर होकर उसे असीमित धन-दौलत, मकान, वाहन, नौकर और हर प्रकार के भौतिक, मानसिक और शारीरिक सुख और शांति की प्राप्ति होती है। घरेलू, पारिवारिक और सामाजिक क्लेश दूर हो जाता है और पती या पत्नी से अच्छे रिश्ते बने रहते है।
३] दत्तात्रेय भगवान के सच्चे भक्ति की रोग, बीमारी और सर्व दुर्घटनाओं से रक्षा होती है, उसे शत्रु, गुप्त-शत्रु, पाप-ग्रहों, शाप-बद्दुआ, भूत-प्रेत- राक्षस, काले जादू-टोने-वशीकरण-मारण जैसे तंत्रिकी प्रयोगों से तकलीफ नहीं होती।
४] भक्त की आध्यात्मिक प्रगति होती है, उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसकी कुंडलिनी जागृत होने की संभावना तीव्र हो जाती है। कुछ साधकों को दिव्य, अलौकिक और भूत-भविष्य देखने की शक्तियां प्राप्त हो जाती है।
इस गुरु दत्तात्रेय भगवान के मंत्र का जाप कैसे करें:
१] इस मंत्र का दत्तात्रेय भगवान का स्मरण करके लगभग ५ मिनट जाप करें।
२] मंत्र का जाप किसी भी दिन से कीया जा सकता है और इस मंत्र का जाप करने के लिए किसी भी प्रकार का तंत्र, नियम या बंधन नहीं है।
Mantra
Hari Om Tat Sat Jai Guru Datta ||
मंत्र
हरी ॐ तत सत जय गुरु दत्त ||
इस मंत्र का अर्थ: ब्रह्मांड के सर्वोच्च शक्ति गुरु दत्तात्रेय का मैं ध्यान कर रहा हूँ।
इस प्रभु दत्तात्रेय भगवान के मंत्र का विडिओ आप हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हो: ब्रह्मांड के गुरु को प्रसन्न करने का चमत्कारी मंत्र
हरी ॐ तत सत जय गुरु दत्त ||
इस मंत्र का अर्थ: ब्रह्मांड के सर्वोच्च शक्ति गुरु दत्तात्रेय का मैं ध्यान कर रहा हूँ।
इस प्रभु दत्तात्रेय भगवान के मंत्र का विडिओ आप हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हो: ब्रह्मांड के गुरु को प्रसन्न करने का चमत्कारी मंत्र
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