हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत शुभ और लाभदायक माना जाता है। हिन्दू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। धन तेरस का त्योहार दीपावली के पहले मनाया जाता है। इस साल धन तेरस २ नवंबर २०२१ मंगलवार इस दिन पर है। धन तेरस के दिन से घर के आँगन में दिये लगाने की शूरवात होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन प्रकट हुए थे। और उनके हात में अमृत कलश था इसलिए धन तेरस यह दिन शुभ माना जाता है। धन तेरस इस तिथि को धन्वंतरि जयंती किंवा धन तेरस माना जाता है धन्वंतरि भगवान को भगवान विष्णु का रूप भी माना जाता है। इस दिन धातु के बर्तन और सोने चांदीके जेवर की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन यमराज के लिए दिया:
धनतेरस के दिन शाम के समय घर के प्रमुख दरवाजे के बाहर भगवान यमराज के लिए दिया लगने की प्रथा है। यह दिया लगाना शुभ माना जाता है उससे घरके व्यक्ति की अकाली मृत्यू नहीं होती है। लेकिन एक चीज का जरूर ध्यान रखे दिया जलानेके बाद उसका मुह दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए।
धनतेरस के दिन झाडू की खरेदी:
धनतेरस के दिन से घरके बाहर याने की आंगन मे दिया लगाने की रीत है। इस दिन झाडू भी खरीदकर घर पर लाते है। झाडू को लक्ष्मी माता का रूप मना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। उससे घरमें जो नकारात्मक ऊर्जा है वह बाहर निकल जाती है। और एक बात इस दिन कुमकुम जरूर खरीदना चाहिए और माता लक्ष्मी को अर्पण करके खुद को भी लगाना चाहिए ऐसा करने से घरमें कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
धन तेरस के दिन माता लक्ष्मीजी की पूजा क्यों की जाती है?
ऐसा माना जाता है की धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में कभीभी धन की कमी नहीं होती है। इज दिन भगवान कुबेर जी की भी पूजा की जाती है।
धन्तेरस 2021 शुभ मुहूर्त:
धनत्रयोदशी तिथि 2021: 2 नोव्हेंबर मंगळवार
धनत्रयोदशी पुजा का शुभ मुहूर्त: श्याम को 5 बजकर 25 मिनट से श्याम को 6 बजे तक है।
प्रदोष काळ: श्याम को 5:39 से २०.१४ तक है।
धन तेरस पूजा विधि:
१. सबसे पहले जिस जगहपर पूजा करनी है उस जगह को साफ सुतरा करना है।
२. फिर उस जगह पर चौपाई रखकर उसके उपर लाल रंग का कपडा बिछाकर उसके उपर गंगाजल छिडकना है. चौपाई की चारो दिशाओं पर रंगोली डालकर उसे सजाना है।
३. चौपाई पर चावल रखकर उसके उपर गणेशजी, लक्ष्मीमाता, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की मूर्ती या प्रतिमा रखें फिर घी का दिया और धूप या आगरबत्ती प्रज्वलित करके लाल रंग के फूल अर्पित करें।
४. इस दिन धातू के बरतन और सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी करते है उसे रखना है।
५. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र के पठन करें।
६. धनतेरस की पूजा करते समय भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी का मंत्र बोलते रहना है, उसके बाद मिठी चीज का भोग चढा दें।
७. धन तेरस के दिन साबुत धनिया और सफेद बतासा जरूर खरीदना चाहिए और माता लक्षी और भगवान धन्वंतरि के पैरोंमे अर्पण करना चाहिए। और प्रसाद के रूप मे जरूर बाटना चाहिए।
भगवान कुबेर व लक्ष्मी माता मंत्र:
धन तेरस के दिन इस मंत्र का जाप लगातर करने से लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन प्रकट हुए थे। और उनके हात में अमृत कलश था इसलिए धन तेरस यह दिन शुभ माना जाता है। धन तेरस इस तिथि को धन्वंतरि जयंती किंवा धन तेरस माना जाता है धन्वंतरि भगवान को भगवान विष्णु का रूप भी माना जाता है। इस दिन धातु के बर्तन और सोने चांदीके जेवर की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन यमराज के लिए दिया:
धनतेरस के दिन शाम के समय घर के प्रमुख दरवाजे के बाहर भगवान यमराज के लिए दिया लगने की प्रथा है। यह दिया लगाना शुभ माना जाता है उससे घरके व्यक्ति की अकाली मृत्यू नहीं होती है। लेकिन एक चीज का जरूर ध्यान रखे दिया जलानेके बाद उसका मुह दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए।
धनतेरस के दिन झाडू की खरेदी:
धनतेरस के दिन से घरके बाहर याने की आंगन मे दिया लगाने की रीत है। इस दिन झाडू भी खरीदकर घर पर लाते है। झाडू को लक्ष्मी माता का रूप मना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। उससे घरमें जो नकारात्मक ऊर्जा है वह बाहर निकल जाती है। और एक बात इस दिन कुमकुम जरूर खरीदना चाहिए और माता लक्ष्मी को अर्पण करके खुद को भी लगाना चाहिए ऐसा करने से घरमें कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
धन तेरस के दिन माता लक्ष्मीजी की पूजा क्यों की जाती है?
ऐसा माना जाता है की धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में कभीभी धन की कमी नहीं होती है। इज दिन भगवान कुबेर जी की भी पूजा की जाती है।
धन्तेरस 2021 शुभ मुहूर्त:
धनत्रयोदशी तिथि 2021: 2 नोव्हेंबर मंगळवार
धनत्रयोदशी पुजा का शुभ मुहूर्त: श्याम को 5 बजकर 25 मिनट से श्याम को 6 बजे तक है।
प्रदोष काळ: श्याम को 5:39 से २०.१४ तक है।
धन तेरस पूजा विधि:
१. सबसे पहले जिस जगहपर पूजा करनी है उस जगह को साफ सुतरा करना है।
२. फिर उस जगह पर चौपाई रखकर उसके उपर लाल रंग का कपडा बिछाकर उसके उपर गंगाजल छिडकना है. चौपाई की चारो दिशाओं पर रंगोली डालकर उसे सजाना है।
३. चौपाई पर चावल रखकर उसके उपर गणेशजी, लक्ष्मीमाता, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की मूर्ती या प्रतिमा रखें फिर घी का दिया और धूप या आगरबत्ती प्रज्वलित करके लाल रंग के फूल अर्पित करें।
४. इस दिन धातू के बरतन और सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी करते है उसे रखना है।
५. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र के पठन करें।
६. धनतेरस की पूजा करते समय भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी का मंत्र बोलते रहना है, उसके बाद मिठी चीज का भोग चढा दें।
७. धन तेरस के दिन साबुत धनिया और सफेद बतासा जरूर खरीदना चाहिए और माता लक्षी और भगवान धन्वंतरि के पैरोंमे अर्पण करना चाहिए। और प्रसाद के रूप मे जरूर बाटना चाहिए।
भगवान कुबेर व लक्ष्मी माता मंत्र:
धन तेरस के दिन इस मंत्र का जाप लगातर करने से लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
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