इस पोस्ट में मैंने, शिव-पार्वती के पुत्र और गणेशजी के भ्राता कार्तिकेय भगवान के अत्यंत शक्तिशाली और चमत्कारी सिर्फ तीन शब्दों के मूल मंत्र के बारे में जानकारी दी हैं। इस मंत्र में भयंकर ऊर्जा हैं और इसे सच्चे मन से कार्तिकेय स्वामी में भक्ति और श्रद्धा रखकर बोलने से सब कुछ प्राप्त होता है और साधक का जीवन हर तरह से सुखी और सुरक्षित बन जाता है।
कार्तिकेय भगवान को कुमारा, स्कंद, महासेन, तमिल में मुरुगन- सुब्रमण्यम और अन्य कई नामों से संबोधित किया जाता हैं।
वह देवी शक्तियों की दिव्य सेना के महा सेनापति है और उनका व्यक्तितव अत्यंत सुंदर और आकर्षक हैं और उन्हे हमेशा युवा रहने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। कुंवारी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए कार्तिकेय भगवान के कुमार इस रूप की पूजा करते है और उनके मंत्र का जाप करती हैं।
कार्तिकेय भगवान के महामंत्र का जाप करने से साधक को हर प्रकार की संपत्ति, हर प्रकार की सुरक्षा और सर्वजन वशीकरण शक्ति की प्राप्ति होती है।
इस चमत्कारी मंत्र की रचना और उसके हर अक्षर का अर्थ और उसको बोलने के प्रचंड लाभों के बारे में नीचे बाटाए हैं:
ॐ – परब्रह्म और ब्रम्हांड का प्रतीक और स्वरूप है।
स - सभी लोगों को आकर्षित करता है और सर्व स्त्री-पुरुष साधक की तरफ एक चुंबक के तरह खींचे चले आते हैं।
र - साधक के जीवन में सुख-समृद्धि-आनंद और हर प्रकार के धन-दौलत और संपत्ति को लाता है।
व - सभी संकटों, रोगों, ऋणों या किसी भी प्रकार के क्लेश या कष्ट को नष्ट करता है और साधक की रक्षा करता हैं।
ण – शत्रुओं, गुप्त-शत्रुओं को नष्ट करता है या उन पर विजय प्राप्त करने में साधक की सहायता करता है।
भ – साधक का व्यक्तित्व लुभावना और मोहक बनाता है, जिससे जगत या सर्वजन वशीकरण हो जाता है।
व – सर्व प्रकार की नकारात्मकता को रोकता है और बुरी ताकतों को नष्ट करता है।
इस श्री कार्तिकेय भगवान के महामंत्र को बोलने की विधि इस प्रकार से हैं:
1] इस मंत्र को १०८ बार या १०-१५ मिनट शांत चित्त से बोला जा सकता है।
2] मंत्र बोलने के पहले कार्तिकेय स्वामी का स्मरण करें और फिर मंत्र का जाप करें।
कार्तिकेय भगवान को कुमारा, स्कंद, महासेन, तमिल में मुरुगन- सुब्रमण्यम और अन्य कई नामों से संबोधित किया जाता हैं।
वह देवी शक्तियों की दिव्य सेना के महा सेनापति है और उनका व्यक्तितव अत्यंत सुंदर और आकर्षक हैं और उन्हे हमेशा युवा रहने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। कुंवारी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए कार्तिकेय भगवान के कुमार इस रूप की पूजा करते है और उनके मंत्र का जाप करती हैं।
कार्तिकेय भगवान के महामंत्र का जाप करने से साधक को हर प्रकार की संपत्ति, हर प्रकार की सुरक्षा और सर्वजन वशीकरण शक्ति की प्राप्ति होती है।
इस चमत्कारी मंत्र की रचना और उसके हर अक्षर का अर्थ और उसको बोलने के प्रचंड लाभों के बारे में नीचे बाटाए हैं:
ॐ – परब्रह्म और ब्रम्हांड का प्रतीक और स्वरूप है।
स - सभी लोगों को आकर्षित करता है और सर्व स्त्री-पुरुष साधक की तरफ एक चुंबक के तरह खींचे चले आते हैं।
र - साधक के जीवन में सुख-समृद्धि-आनंद और हर प्रकार के धन-दौलत और संपत्ति को लाता है।
व - सभी संकटों, रोगों, ऋणों या किसी भी प्रकार के क्लेश या कष्ट को नष्ट करता है और साधक की रक्षा करता हैं।
ण – शत्रुओं, गुप्त-शत्रुओं को नष्ट करता है या उन पर विजय प्राप्त करने में साधक की सहायता करता है।
भ – साधक का व्यक्तित्व लुभावना और मोहक बनाता है, जिससे जगत या सर्वजन वशीकरण हो जाता है।
व – सर्व प्रकार की नकारात्मकता को रोकता है और बुरी ताकतों को नष्ट करता है।
इस श्री कार्तिकेय भगवान के महामंत्र को बोलने की विधि इस प्रकार से हैं:
1] इस मंत्र को १०८ बार या १०-१५ मिनट शांत चित्त से बोला जा सकता है।
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