इस कलियुग के भयंकर और चुनवती भरे काल में श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्र साधकों के सर्व मनोरथ पूरे करता है और साधक के जीवन में से सर्व नकारात्मक ऊर्जा हटाकर उसे सुख-शांति प्रदान करता है।
श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्र का पाठ करने के प्रचंड लाभ:
1] खतरों और संकटों का निवारण होता है और कठिन से कठिन परेशानियाँ खत्म हो जाती है।
2] शत्रु और गुप्त शत्रुओं की पीड़ा और परेशानी मीट जाती है।
3] ग्रह दोषों और कुंडली के सर्व अशुभ दोषों का निवारण होता है।
4] तंत्र-मंत्र और हर प्रकार की तांत्रिकी बाधा और काले जादू-टोन का भय नहीं रहता है और बुरी-नजर, शाप और बदुआ से तकलीफ नहीं होती।
5] घरेलू और पारिवारिक शांति मिलकर धन-दौलत, मकान इत्यादि की प्राप्ति होती है।
6] साधक की रोग, बीमारी, महामारी, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा से रक्षा होती है।
श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्र का पाठ करने के प्रचंड लाभ:
1] खतरों और संकटों का निवारण होता है और कठिन से कठिन परेशानियाँ खत्म हो जाती है।
2] शत्रु और गुप्त शत्रुओं की पीड़ा और परेशानी मीट जाती है।
3] ग्रह दोषों और कुंडली के सर्व अशुभ दोषों का निवारण होता है।
4] तंत्र-मंत्र और हर प्रकार की तांत्रिकी बाधा और काले जादू-टोन का भय नहीं रहता है और बुरी-नजर, शाप और बदुआ से तकलीफ नहीं होती।
5] घरेलू और पारिवारिक शांति मिलकर धन-दौलत, मकान इत्यादि की प्राप्ति होती है।
6] साधक की रोग, बीमारी, महामारी, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा से रक्षा होती है।
7] साधक को हर प्रकार के ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् के जाप की विधि:
साधक श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् का शांति चित्त से बैठकर भैरव भगवान का स्मरण करने के बाद 11, 21 या 108 बार पाठ कर सकता है।
|| श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् ||
ॐ भं भैरवाय अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
मम सर्वे ग्रहाः अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
ज्ञानं देहि धनं देहि मम द्रारिद्रयदुःखनिवारणाय स्वाहा ।
सुतं देहि यशो देहि मम गृहक्लेशनिवारणाय स्वाहा ।
स्वास्थ्य देहि बलं देहि मम शत्रुनिवारणाय स्वाहा ।
सिद्धिं देहि जयं देहि मम सर्वॠणनिवारणाय स्वाहा ।
ॐ भं भैरवाय अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
इति श्रीभैरवसर्वफलप्रदस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
|| Shri Bhairav Sarva Phalaprada Stotra ||
Om Bham Bhairavaaya Anishtanivaaranaaya Swaha |
Mama Sarve Grahaah Anishtanivaaranaaya Swaha |
Nyaanam Dehi Dhanam Dehi Mama Draaridrayaduhkhanivaaranaaya Swaha |
Sutam Dehi Yasho Dehi Mama Grihakleshanivaaranaaya Swaha |
Svaasthya Dehi Balam Dehi Mama Shatrunivaaranaaya Swaha |
Siddhim Dehi Jayam Dehi Mama Sarvareenanivaaranaaya Swaha |
Om Bham Bhairavaaya Anishtanivaaranaaya Swaha |
Iti Shreebhairavasarvaphalapradastotram Sampoornam
श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् के जाप की विधि:
साधक श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् का शांति चित्त से बैठकर भैरव भगवान का स्मरण करने के बाद 11, 21 या 108 बार पाठ कर सकता है।
|| श्री भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्रम् ||
ॐ भं भैरवाय अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
मम सर्वे ग्रहाः अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
ज्ञानं देहि धनं देहि मम द्रारिद्रयदुःखनिवारणाय स्वाहा ।
सुतं देहि यशो देहि मम गृहक्लेशनिवारणाय स्वाहा ।
स्वास्थ्य देहि बलं देहि मम शत्रुनिवारणाय स्वाहा ।
सिद्धिं देहि जयं देहि मम सर्वॠणनिवारणाय स्वाहा ।
ॐ भं भैरवाय अनिष्टनिवारणाय स्वाहा ।
इति श्रीभैरवसर्वफलप्रदस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
|| Shri Bhairav Sarva Phalaprada Stotra ||
Om Bham Bhairavaaya Anishtanivaaranaaya Swaha |
Mama Sarve Grahaah Anishtanivaaranaaya Swaha |
Nyaanam Dehi Dhanam Dehi Mama Draaridrayaduhkhanivaaranaaya Swaha |
Sutam Dehi Yasho Dehi Mama Grihakleshanivaaranaaya Swaha |
Svaasthya Dehi Balam Dehi Mama Shatrunivaaranaaya Swaha |
Siddhim Dehi Jayam Dehi Mama Sarvareenanivaaranaaya Swaha |
Om Bham Bhairavaaya Anishtanivaaranaaya Swaha |
Iti Shreebhairavasarvaphalapradastotram Sampoornam
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