इस पोस्ट में मैंने उलूक तंत्र में पाए गए एक प्राचीन विद्वेषण मंत्र प्रयोग के बारे में जानकारी दी है। इस महाशक्तिशाली विद्वेषण मंत्र प्रयोग में उल्लू के पंख का इस्तेमाल किसी जाता है और इससे दो या अधिक दुश्मनों को आपस में लड़ाकर उन्हे एक दूसरे के शत्रु बनाकर अलग कीया जा सकता है।
विद्वेषण तंत्र का प्रयोग करना कब सही होगा:
1] विद्वेषण तंत्र एक अत्यंत तामसिक और अघोरी तंत्र है जससे शत्रु को बर्बाद किया जाता है, इसलिए इस तंत्र का बहुत सावधानी के साथ प्रयोग करना चाहिए और इसका प्रयोग मामूली कारणों के लिए कभी भी नहीं करना चाहिए।
2] अगर साधक का दुश्मन बहुत ही बलवान और शक्तिशाली है या दुश्मनों की संख्या ज्यादा है और वह साधक या उसके परिवार के जान के लिए खतरा बन चुके है तो ही विद्वेषण तंत्र का प्रयोग करना उच्चित होगा।
इस विद्वेषण मंत्र कर प्रयोग करने की विधि:
1] इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को किसी भी दिन किया जा सकता है और इस शत्रु विनाशक उपाय के साथ किसी भी प्रकार की पूजा-विधि और अन्य किसी भी प्रकार का तंत्र या दिशा, आसन, माला, मुहूर्त इत्यादि के नियम या बंधन नहीं जुड़े है।
2] साधक को एक उल्लू का पंख लेकर उसे अपने सामने रखकर उसको देखकर आगे बताए हुए विद्वेषण मंत्र को 108 बार बोलना है, जिससे वह उल्लू का पंख विद्वेषण मंत्र के शक्ति से अभिमंत्रित होगा और फिर उस विद्वेषण मंत्र अभिमंत्रित उल्लू के पंख को शत्रु के घर में फेंक देना है या छुपा देना है।
मंत्र
ॐ उल्लूकाना विद्वेषय फट ||
Mantra
Om Ullukaanaa Vidaveshaya Phat ||
3] बस साधक को इतना ही करना है, और एक घर पर इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को सिर्फ एक बार करना है, इसलिए इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को आत्मविश्वास और तीव्रता के साथ करोगे तो ही इच्छित सफलता मिल जाती है।
विद्वेषण तंत्र का प्रयोग करना कब सही होगा:
1] विद्वेषण तंत्र एक अत्यंत तामसिक और अघोरी तंत्र है जससे शत्रु को बर्बाद किया जाता है, इसलिए इस तंत्र का बहुत सावधानी के साथ प्रयोग करना चाहिए और इसका प्रयोग मामूली कारणों के लिए कभी भी नहीं करना चाहिए।
2] अगर साधक का दुश्मन बहुत ही बलवान और शक्तिशाली है या दुश्मनों की संख्या ज्यादा है और वह साधक या उसके परिवार के जान के लिए खतरा बन चुके है तो ही विद्वेषण तंत्र का प्रयोग करना उच्चित होगा।
इस विद्वेषण मंत्र कर प्रयोग करने की विधि:
1] इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को किसी भी दिन किया जा सकता है और इस शत्रु विनाशक उपाय के साथ किसी भी प्रकार की पूजा-विधि और अन्य किसी भी प्रकार का तंत्र या दिशा, आसन, माला, मुहूर्त इत्यादि के नियम या बंधन नहीं जुड़े है।
2] साधक को एक उल्लू का पंख लेकर उसे अपने सामने रखकर उसको देखकर आगे बताए हुए विद्वेषण मंत्र को 108 बार बोलना है, जिससे वह उल्लू का पंख विद्वेषण मंत्र के शक्ति से अभिमंत्रित होगा और फिर उस विद्वेषण मंत्र अभिमंत्रित उल्लू के पंख को शत्रु के घर में फेंक देना है या छुपा देना है।
मंत्र
ॐ उल्लूकाना विद्वेषय फट ||
Mantra
Om Ullukaanaa Vidaveshaya Phat ||
3] बस साधक को इतना ही करना है, और एक घर पर इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को सिर्फ एक बार करना है, इसलिए इस विद्वेषण मंत्र प्रयोग को आत्मविश्वास और तीव्रता के साथ करोगे तो ही इच्छित सफलता मिल जाती है।
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