इस आर्टिकल में श्री गणेश भगवान के 6 महाशक्तिशाली गायत्री मंत्रों की जानकारी दी गयी है। और इन गणेश भगवान के सबसे पावरफुल और असरदार मंत्रों के जाप से होने वाले प्रचंड लाभों के बारे में बताया है।
श्री गणेश गायत्री मंत्र के जाप के कुछ प्रमुख लाभ:
1] सर्व विघ्नों, यानी की परेशानियाँ, रुकावट, क्लेश, रोग, शत्रु का खतरा और अन्य सर्व बाधाओं का नाश या निवारण होता है।
2] भौतिक वस्तुओं का लाभ और आनंद मिलता है। धन लाभ, मकान, दुकान इत्यादि का सुख मिलता है।
3] ज्ञान, विद्या प्राप्ति होकर जीवन सफल होता है।
4] घरेलु और शादी-शुदा जीवन में सुख और समाधान मिलता है। संतान की प्राप्ति होती है।
श्री गणेश गायत्री मंत्र के जाप के कुछ प्रमुख लाभ:
1] सर्व विघ्नों, यानी की परेशानियाँ, रुकावट, क्लेश, रोग, शत्रु का खतरा और अन्य सर्व बाधाओं का नाश या निवारण होता है।
2] भौतिक वस्तुओं का लाभ और आनंद मिलता है। धन लाभ, मकान, दुकान इत्यादि का सुख मिलता है।
3] ज्ञान, विद्या प्राप्ति होकर जीवन सफल होता है।
4] घरेलु और शादी-शुदा जीवन में सुख और समाधान मिलता है। संतान की प्राप्ति होती है।
५] मनोकामनाओं और इच्छाओं की जल्द पूर्ति होती है।
६] कार्यसिद्धि या हर काम या कार्य में मनचाही सफलता मिलती है।
श्री गणेश गायत्री मंत्र बोलने की विधि:
1]आपकी इच्छा के अनुसार इन मंत्रों में से आप किसी भी १ मंत्र को चुन कर उस मंत्र को आप हर रोज सवेरे या रात को सोने के पहले 3, 7, 11, 21 या 108 बार बोल सकते हो।
2] मंत्र बोलने के पहले श्री गणेशजी का एक बार स्मरण करें और भक्ति, आत्मविश्वास और श्रद्धा से मंत्र जाप करें।
श्री गणेशजी के 6 अलग-अलग शक्तिशाली गायत्री मंत्र:
1] गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
Gajananaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
2] ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Mahakarnaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
3] ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Tatpurushaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
4] ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Ekadantaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
5] Om Eikdantaya Vidmahe, Vakratunaye Dheemahi; Tanno Buddhih Pracodayat ||
ॐ एकदान्ता विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात् ||
6] Om Lambodaraya Vidhmahe, Mahodaraya Dheemahi, Tanno Danti Prachodayat ||
ॐ लम्बोदराय विद्महे, महोदराय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
श्री गणेश गायत्री मंत्र बोलने की विधि:
1]आपकी इच्छा के अनुसार इन मंत्रों में से आप किसी भी १ मंत्र को चुन कर उस मंत्र को आप हर रोज सवेरे या रात को सोने के पहले 3, 7, 11, 21 या 108 बार बोल सकते हो।
2] मंत्र बोलने के पहले श्री गणेशजी का एक बार स्मरण करें और भक्ति, आत्मविश्वास और श्रद्धा से मंत्र जाप करें।
श्री गणेशजी के 6 अलग-अलग शक्तिशाली गायत्री मंत्र:
1] गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
Gajananaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
2] ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Mahakarnaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
3] ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Tatpurushaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
4] ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
Om Ekadantaya Vidmahe, Vakratundaya Dheemahi, Tanno Danti Prachodyat ||
5] Om Eikdantaya Vidmahe, Vakratunaye Dheemahi; Tanno Buddhih Pracodayat ||
ॐ एकदान्ता विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात् ||
6] Om Lambodaraya Vidhmahe, Mahodaraya Dheemahi, Tanno Danti Prachodayat ||
ॐ लम्बोदराय विद्महे, महोदराय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ||
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