हृदय चक्र को शांत करके हर प्रकार का आनंद पाने का आजमाया हुआ मंत्र


इस आर्टिकल में अनाहत चक्र को शांत और संतुलित करने के एक सरल लेकिन अत्यंत असरदार और आजमाए हुए तुरंत काम करने वाले मंत्र के बारे में जानकारी दी गयी है।

हृदय चक्र को शांत करके हर प्रकार का आनंद पाने का आजमाया हुआ मंत्र

अनाहत चक्र का लोकेशन:

हृदय या अनाहत चक्र जिसे अंग्रेजी में Heart Chakra Chakra कहते है वह  हृदय के बाजू में सीने के बीच स्थित है।

हृदय चक्र जो कुंडलिनी शक्ति का चौथा चक्र है, मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र इन पहले ३ चक्रों को विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र और सहस्त्रार चक्र इन अगले ३ चक्रों को जोड़ता है।

हृदय या अनाहत चक्र के बारे में कुछ प्रमुख जानकारी:

१] यह चक्र शांति, स्वयं और दूसरों के लिए प्यार, खुद और दूसरों की देखभाल, अच्छे रिश्ते, करुणा, सहानुभूति, जागरूकता, क्षमा, दु:ख के साथ जुड़ा हुआ है। अनाहत चक्र शांत और संतुलित होने से शुद्ध सकारात्मक ऊर्जा और विचारों का संचार होता है।

२] यदि अनाहत चक्र कम-सक्रिय है, तो उस व्यक्ति का स्वभाव कठोर और ठंडा होता है।

३] ओवरएक्टिव हार्ट चक्र होने से उच्च रक्तचाप, धड़कन और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

४] असंतुलित हृदय चक्र वाले व्यक्ति भय, शोक, क्रोध, घृणा और ईर्ष्या में जीते हैं। इसलिए शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन के लिए हृदय चक्र को संतुलित करने की आवश्यकता है।

अनाहत चक्र को शांत करने का मंत्र का जाप कैसे करें:

१] इस मंत्र को एकांत में शांत चित्त से लगभग 5 मिनट बोलें। इस मंत्र का वाचिक या मानसिक जाप कीया जा सकता है।

२] पूजा-विधि, दिशा, आसन, माला और अन्य किसी भी तंत्र का बंधन नहीं है।

मंत्र
ॐ शांति शांति सर्वारिष्ट नाशिनी स्वाहा ||

Mantra
Om Shante Shante Sarvarishta Nashini Swaha ||

नोट: हृदय चक्र को शांत करने का विडिओ हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – हृदय चक्र को संतुलित करने का शक्तिशाली मंत्र

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