असाध्य रोगों और जीर्ण और जटिल बीमारी से मुक्ति पाने के लिए मृत संजीवनी मंत्र के महाशक्तिशाली लघु यानी की शॉर्ट प्रकार की जानकारी इस आर्टिकल में दी गयी है।
यह छोटा सा संपूर्ण रोग नाशक मंत्र पूरे महामृत्युंजय मंत्र या पूरे शुक्रोपासित मृत संजीवनी मंत्र इतना ही असरदार है और यह जल्द काम करने लगता है।
इस रोग नाशक मंत्र की खास बात यह है की इसका प्रयोग खुद के अलावा दूसरों को बीमारी से आराम देने के लिए कीया जा सकता है।
इस रोग नाशक मंत्र के जाप की विधि:
1] इस लघु मृत संजीवनी मंत्र का जाप किसी भी दिन शुरू कीया जा सकता है। विशेष पुजा-विधि करने की जरूरत नहीं है और दिशा-माला-आसन का बंधन नहीं है, सिर्फ आत्मविश्वास, भक्ति और श्रद्धा से मंत्र जाप करें।
2] देवी माता और शिवजी का एक बार स्मरण करके इस लघु मृत संजीवनी मंत्र को अपने इच्छा के अनुसार जितना चाहे उतना जाप करें।
3] खुद के लिए मंत्र जाप कर रहे हो तो “अमूकस्य” इस शब्द के स्थान पर “मम” इस शब्द का प्रयोग करें।
4] अगर दूसरे के लिए कर रहे हो तो संबंध से साथ नाम लें। उद्धरण की तौर पर अगर अपने पुत्र के लिए मंत्र का जाप कर रहे हो और पुत्र का नाम राम है तो “अमूकस्य” इस शब्द के स्थान पर “मम पुत्र राम” कहना है।
मंत्र
ऊँ नमो भगवति मृतसंजीवनी “अमूकस्य” शांति कुरु कुरु स्वाहा ||
Mantra
Om Namo Bhagwati Mritasanjeevani “Amukasya” Shanti Kuru Kuru Swaha ||
नोट- इस आर्टिकल का हिन्दी विडिओ हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – कठिन से कठिन रोगों से छुटकारा पाने का शक्तिशाली मंत्र
यह छोटा सा संपूर्ण रोग नाशक मंत्र पूरे महामृत्युंजय मंत्र या पूरे शुक्रोपासित मृत संजीवनी मंत्र इतना ही असरदार है और यह जल्द काम करने लगता है।
इस रोग नाशक मंत्र की खास बात यह है की इसका प्रयोग खुद के अलावा दूसरों को बीमारी से आराम देने के लिए कीया जा सकता है।
इस रोग नाशक मंत्र के जाप की विधि:
1] इस लघु मृत संजीवनी मंत्र का जाप किसी भी दिन शुरू कीया जा सकता है। विशेष पुजा-विधि करने की जरूरत नहीं है और दिशा-माला-आसन का बंधन नहीं है, सिर्फ आत्मविश्वास, भक्ति और श्रद्धा से मंत्र जाप करें।
2] देवी माता और शिवजी का एक बार स्मरण करके इस लघु मृत संजीवनी मंत्र को अपने इच्छा के अनुसार जितना चाहे उतना जाप करें।
3] खुद के लिए मंत्र जाप कर रहे हो तो “अमूकस्य” इस शब्द के स्थान पर “मम” इस शब्द का प्रयोग करें।
4] अगर दूसरे के लिए कर रहे हो तो संबंध से साथ नाम लें। उद्धरण की तौर पर अगर अपने पुत्र के लिए मंत्र का जाप कर रहे हो और पुत्र का नाम राम है तो “अमूकस्य” इस शब्द के स्थान पर “मम पुत्र राम” कहना है।
मंत्र
ऊँ नमो भगवति मृतसंजीवनी “अमूकस्य” शांति कुरु कुरु स्वाहा ||
Mantra
Om Namo Bhagwati Mritasanjeevani “Amukasya” Shanti Kuru Kuru Swaha ||
नोट- इस आर्टिकल का हिन्दी विडिओ हमारे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है – कठिन से कठिन रोगों से छुटकारा पाने का शक्तिशाली मंत्र
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