इस आर्टिकल में पांच शक्तिशाली श्री कृष्ण गायत्री मंत्रों की जानकारी दी गयी है। यह श्री कृष्ण मंत्र इस कलियुग के अत्यंत कठिन काल में सर्व लोगों को सकारात्मक ऊर्जा खींचने में बहुत लाभदायक साबित होंगे।
श्री कृष्ण गायत्री मंत्र कैसे बोलने है:
1] इन पांच श्री कृष्ण गायत्री मंत्र में से साधक किसी भी एक गयात्री मंत्र को चुनकर उसे हर रोज 7, 11, 21, 51 या 108 बार शांत चित्त से बोल सकता है।
2] मंत्र का वाचिक जाप करना ज्यादा उचित होगा।
श्री कृष्ण गायत्री मंत्र के जाप के लाभ:
1] शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण और नकारात्मक ऊर्जा का पलायन।
2] रोग, शत्रुओं, क्लेश के मुक्ति और सुख-समाधान की प्राप्ति।
3] धन-दौलत और पैसों का आकर्षण और हर काम या कार्य में सफलता।
4] शादी, प्यार-मोहब्बत में आनंद।
5] समाज में मान-सम्मान, लोकप्रियता और नौकरी-धंदे में तरक्की।
शक्तिशाली श्री कृष्ण गायत्री मंत्र:
श्री कृष्ण गायत्री मंत्र कैसे बोलने है:
1] इन पांच श्री कृष्ण गायत्री मंत्र में से साधक किसी भी एक गयात्री मंत्र को चुनकर उसे हर रोज 7, 11, 21, 51 या 108 बार शांत चित्त से बोल सकता है।
2] मंत्र का वाचिक जाप करना ज्यादा उचित होगा।
श्री कृष्ण गायत्री मंत्र के जाप के लाभ:
1] शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण और नकारात्मक ऊर्जा का पलायन।
2] रोग, शत्रुओं, क्लेश के मुक्ति और सुख-समाधान की प्राप्ति।
3] धन-दौलत और पैसों का आकर्षण और हर काम या कार्य में सफलता।
4] शादी, प्यार-मोहब्बत में आनंद।
5] समाज में मान-सम्मान, लोकप्रियता और नौकरी-धंदे में तरक्की।
शक्तिशाली श्री कृष्ण गायत्री मंत्र:
1] ॐ देवकिनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात ||
Om Devkinandanaaya Vidmahe Vasudevaaya Dhimahi Tanno Krishnah Prachodayat ||
2] ॐ दामोदराय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्।
Om Damodaraaya Vidmahe Vasudevaaya Dhimahi Tanno Krishnah Prachodayat ||
3] ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजन वल्लभाय धीमहि तन्नो गोपाल: प्रचोदयात ||
Om Gopaalaaya Vidmahe Gopijana Vallabhaaya Dhimahi Tanno Gopaalah Prachodayat ||
4] ॐ दामोदराय विद्मिहे रुक्मणि वल्लभाय धीमहि तन्नो कृष्णं प्रचोदयात ||
Om Damodaraaya Vidmahe Rukmani Vallabhaaya Dhimahi Tanno Krishnam Prachodayat ||
5] ॐ दामोदराय विदमहे बंसीधराय धीमहि तन्नो कृष्ण प्रचोदयात ||
Om Damodaraaya Vidmahe Bansidharaaya Dhimahi Tanno Krishna Prachodayat ||
Om Devkinandanaaya Vidmahe Vasudevaaya Dhimahi Tanno Krishnah Prachodayat ||
2] ॐ दामोदराय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्।
Om Damodaraaya Vidmahe Vasudevaaya Dhimahi Tanno Krishnah Prachodayat ||
3] ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजन वल्लभाय धीमहि तन्नो गोपाल: प्रचोदयात ||
Om Gopaalaaya Vidmahe Gopijana Vallabhaaya Dhimahi Tanno Gopaalah Prachodayat ||
4] ॐ दामोदराय विद्मिहे रुक्मणि वल्लभाय धीमहि तन्नो कृष्णं प्रचोदयात ||
Om Damodaraaya Vidmahe Rukmani Vallabhaaya Dhimahi Tanno Krishnam Prachodayat ||
5] ॐ दामोदराय विदमहे बंसीधराय धीमहि तन्नो कृष्ण प्रचोदयात ||
Om Damodaraaya Vidmahe Bansidharaaya Dhimahi Tanno Krishna Prachodayat ||
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