इस आर्टिकल में आठ महाशक्तिशाली और तुरंत असर करने वाले सूर्य गायत्री मंत्रों की जानकारी दी गयी है। सूर्यदेव हमे दिखने वाला एकमेव ऊर्जा का स्तोत्र है और हमारा जीवन सूर्य की ऊर्जा पर निर्भर है। सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करके हम उस ऊर्जा को अपने तरफ आकर्षित करके प्रचंड लाभ पा सकते है।
सूर्य गायत्री मंत्र के जाप के प्रचंड लाभ:
1] शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण और संचार और नकारात्मक और कमजोर ऊर्जा से मुक्ति।
2] निराशा, डिप्रेशन, तनाव, फोबिया, थकान से छुटकारा और रोगों, बीमारियों और डिसॉर्डर्स से मुक्ति।
3] पारिवारिक क्लेश, शत्रु पीड़ा और आर्थिक परेशानी से मुक्ति।
4] हर काम और कार्य में सफलता, नौकरी-धंदे में तरक्की, धन-दौलत का आकर्षण।
5] आकर्षक और चुंबकीय व्यक्तित्व पाकर सर्वजन का वशीकरण.
6] समाज में मान-सम्मान, इज्जत और रुतबा.
7] बुद्धि का विकास, स्मरण शक्ति में वृद्धि और विद्या और ज्ञान की प्राप्ती.
सूर्य गायत्री मंत्र बोलनें की विधि:
इन आठ सूर्य गायत्री मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र को आप चुनकर उसको सवारे सूर्य की तरफ मुह करके और अपनी आंखे हलके से बंद करके 7, 11, 21 या 108 बार बोल सकते हो।
आठ अलग-अलग सूर्य गायत्री मंत्र और उनका अंग्रेजी अनुवाद इस प्रकार से है:
1] ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि । तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Bhaskaraya Vidmahe. Divakaraya Dhimahi. Tanno Suryah Prachodayat ||
4] ॐ अदित्याय च विद्महे भास्कराय धीमहि | तन्नो भानु: प्रचोदयात ||
5] ॐ अदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमही। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Divakaraya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
6] ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पासहस्थाया धीमहि | तन्नो सूर्य: प्रचोदयात ||
Om Ashwadhwaja Vidmahe Pasa Hasthaya Dhimahi | Thanna Suryah Prachodayat ||
7] ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय | धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Prabhakaraya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
8] ॐ सप्त तुरंगाय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि | तन्नो रविः प्रचोदयात् ||
Om Sapta Turangaya Vidhmahe Sahasra Kiranaya Dhimahi | Tanno Ravih Prachodayat ||
सूर्य गायत्री मंत्र के जाप के प्रचंड लाभ:
1] शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण और संचार और नकारात्मक और कमजोर ऊर्जा से मुक्ति।
2] निराशा, डिप्रेशन, तनाव, फोबिया, थकान से छुटकारा और रोगों, बीमारियों और डिसॉर्डर्स से मुक्ति।
3] पारिवारिक क्लेश, शत्रु पीड़ा और आर्थिक परेशानी से मुक्ति।
4] हर काम और कार्य में सफलता, नौकरी-धंदे में तरक्की, धन-दौलत का आकर्षण।
5] आकर्षक और चुंबकीय व्यक्तित्व पाकर सर्वजन का वशीकरण.
6] समाज में मान-सम्मान, इज्जत और रुतबा.
7] बुद्धि का विकास, स्मरण शक्ति में वृद्धि और विद्या और ज्ञान की प्राप्ती.
सूर्य गायत्री मंत्र बोलनें की विधि:
इन आठ सूर्य गायत्री मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र को आप चुनकर उसको सवारे सूर्य की तरफ मुह करके और अपनी आंखे हलके से बंद करके 7, 11, 21 या 108 बार बोल सकते हो।
आठ अलग-अलग सूर्य गायत्री मंत्र और उनका अंग्रेजी अनुवाद इस प्रकार से है:
1] ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि । तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Bhaskaraya Vidmahe. Divakaraya Dhimahi. Tanno Suryah Prachodayat ||
2] ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि | तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Bhaskaraya Vidmahe | Mahatejaya Dhimahi. Tanno Suryah Prachodayat ||
3] ॐ आदित्याय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि | तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Sahasra Kiranaya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
Om Bhaskaraya Vidmahe | Mahatejaya Dhimahi. Tanno Suryah Prachodayat ||
3] ॐ आदित्याय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि | तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Sahasra Kiranaya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
4] ॐ अदित्याय च विद्महे भास्कराय धीमहि | तन्नो भानु: प्रचोदयात ||
Om Adityaya Cha Vidmahe Sahasra Kiranaya Dhimahi | Tanno Bhanuh Prachodayaat ||
5] ॐ अदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमही। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Divakaraya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
6] ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पासहस्थाया धीमहि | तन्नो सूर्य: प्रचोदयात ||
Om Ashwadhwaja Vidmahe Pasa Hasthaya Dhimahi | Thanna Suryah Prachodayat ||
7] ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय | धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात् ||
Om Adityaya Vidmahe Prabhakaraya Dhimahi | Tanno Suryah Prachodayaat ||
8] ॐ सप्त तुरंगाय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि | तन्नो रविः प्रचोदयात् ||
Om Sapta Turangaya Vidhmahe Sahasra Kiranaya Dhimahi | Tanno Ravih Prachodayat ||
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