शत्रु नाश, हर बाधा से मुक्ति के लिए, अपार सुख-समृद्धि, धन-दौलत-गाड़ी-बंगला पाने का और हर मनोकामना या मकसद की पूर्ति करने के लिए एक महाशक्तिशाली शिव मंत्र के बारे में इस आर्टिकल में जानकारी दी गयी है।
प्राचीन हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान परशुराम ने समुद्र में अपने तीर चलाकर कोंकण की भूमि का निर्माण किया और समुद्र के देवता को आदेश दिया कि वे उस बिंदु पर पृथ्वी का निर्माण करें जहां उनका तीर उतरा है।
इस नई भूमि को सप्त-कोंकण के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है "पृथ्वी का टुकड़ा", "पृथ्वी का कोना", या "एक कोने का टुकड़ा"।
भगवान परशुराम ने विभिन्न देवताओं को नव निर्मित भूमि में बसने और निवासी कुलों की रक्षा करने के लिए कहा।
परशुराम भगवान शिवजी के भक्त थे, उन्होंने निवेदन किया कि भगवान शिव उन्हें प्रतिदिन दर्शन दें, इसलिए भगवान शिव 60 स्थानों पर प्रकट हुए जहाँ शिवजी के मंदिर स्थापित किए गए।
ऋषि व्याड ने तब गुहागर में शिवलिंग स्थापित किया । इसिलिए शिवजी को श्री व्याडेश्वराय इस नाम से भी भुलाया जाता है। यानी की “ऋषि व्याड” के भगवान।
इस शिवजी के मंत्र को हर रोज सवेरे स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहेनकर शिवजी में भक्ति और श्रद्धा रखकर सिर्फ 11 बार बोलें।
मंत्र
ऊँ नमो भगवते श्री व्याडेश्वराय भूतनाथाय भूतबाधां नाशय-नाशय कष्टं चूरय चूरय मनोवांछितं पूरय-पूरय ऊँ ह्रीं श्रीं श्रीं व्याडेश्वराय नमः ||
Mantra
Om Namo Bhagwate ShrI Vyadeshvraya Bhootnaathaya Bhootbhadham Nashaya-Nashaya Kashtam Churya-Churya Manovanchhitam Purya-Purya Om Hreem Shreem Shreem Vyadeshvraya Namah ||
इस शिव मंत्र का विडिओ: शत्रु का विनाश और धन पाने का महाशक्तिशाली शिव मंत्र
प्राचीन हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान परशुराम ने समुद्र में अपने तीर चलाकर कोंकण की भूमि का निर्माण किया और समुद्र के देवता को आदेश दिया कि वे उस बिंदु पर पृथ्वी का निर्माण करें जहां उनका तीर उतरा है।
इस नई भूमि को सप्त-कोंकण के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है "पृथ्वी का टुकड़ा", "पृथ्वी का कोना", या "एक कोने का टुकड़ा"।
भगवान परशुराम ने विभिन्न देवताओं को नव निर्मित भूमि में बसने और निवासी कुलों की रक्षा करने के लिए कहा।
परशुराम भगवान शिवजी के भक्त थे, उन्होंने निवेदन किया कि भगवान शिव उन्हें प्रतिदिन दर्शन दें, इसलिए भगवान शिव 60 स्थानों पर प्रकट हुए जहाँ शिवजी के मंदिर स्थापित किए गए।
ऋषि व्याड ने तब गुहागर में शिवलिंग स्थापित किया । इसिलिए शिवजी को श्री व्याडेश्वराय इस नाम से भी भुलाया जाता है। यानी की “ऋषि व्याड” के भगवान।
इस शिवजी के मंत्र को हर रोज सवेरे स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहेनकर शिवजी में भक्ति और श्रद्धा रखकर सिर्फ 11 बार बोलें।
मंत्र
ऊँ नमो भगवते श्री व्याडेश्वराय भूतनाथाय भूतबाधां नाशय-नाशय कष्टं चूरय चूरय मनोवांछितं पूरय-पूरय ऊँ ह्रीं श्रीं श्रीं व्याडेश्वराय नमः ||
Mantra
Om Namo Bhagwate ShrI Vyadeshvraya Bhootnaathaya Bhootbhadham Nashaya-Nashaya Kashtam Churya-Churya Manovanchhitam Purya-Purya Om Hreem Shreem Shreem Vyadeshvraya Namah ||
इस शिव मंत्र का विडिओ: शत्रु का विनाश और धन पाने का महाशक्तिशाली शिव मंत्र
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